एनसीपी नेता रमेश कदम की फाइल फोटो
मुंबई:
एनसीपी के मोहोल विधानसभा से विधायक रमेश कदम को गिरफ्तार कर लिया गया है। कदम करीब 300 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में आरोपी हैं। कदम के खिलाफ़ मुम्बई के दहिसर पुलिस थाने में मामला दर्ज़ है। सोमवार को पुणे के एक होटल से कदम को गिरफ्तार किया गया। मुम्बई सेशन्स कोर्ट ने कदम को 25 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
एनसीपी की टिकट पर दूसरी बार विधायक बने रमेश कदम के खिलाफ लगे आरोप उनके अण्णाभाऊ साठे महामंडल के अध्यक्षपद पर रहते हुए किए कथित कारनामों के चलते हैं। राज्य सरकार का यह कॉरपोरेशन पिछड़ी जाती के विकास के लिए कार्यरत है। इस महामंडल की तिजोरी से बंदरबांट करने का आरोप कदम पर है।
कदम के खिलाफ़ CID की जांच में जो चौंकानेवाली जानकारी सामने आयी है वह कुछ इस प्रकार है। प्राथमिक जांच रिपोर्ट कहती है कि कदम ने अपने बैंक अकाउंट में 5 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवाए। उन्होंने कॉर्पोरेशन के पैसे से 16 गाड़ियां खरीदीं। जिसमें एक ऑडी और 2 मर्सिडीज शामिल हैं। इन पर 9 करोड़ 34 लाख रुपए खर्च हुए। इस खरीदी के लिए 23 अलग-अलग लोगों के नाम कर्जे उठाए।
कदम ने कांदिवली में फ्लैट और औरंगाबाद में जमीन खरीदी। जिसके लिए 13 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च हुए। इसके अलावा, करीब 82 करोड़ रुपये अलग अलग संस्थाओं को दिए गए।
जांच से जुड़े अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया की सरकारी पैसे की यह बंदरबांट महज बानगीभर है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी और कई तथ्य सामने आ सकेंगे। कुल घोटाला 382 करोड़ रुपये का हो सकता है।
इस मामले में महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता माधव भाण्डारी ने NDTV इण्डिया से बात करते हुए कहा कि, रमेश कदम एनसीपी नेता अजीत पवार के करीबी थे। और ऐसे में कदम के ग़लत फैसलों की आंच अजीत पवार पर आए बिना नहीं रहनी चाहिए। आखिर अजीत पवार ने ही बतौर वित्त मंत्री कदम की अध्यक्षतावाले महामंडल का बजट 4 गुना बढ़ा दिया था। इस अलावा कदम को पार्टी में इतनी अहमियत क्यों दी जा रही थी इस बात का खुलासा खुद पार्टी मुखिया शरद पवार को करना होगा।
उधर बीजेपी सरकार के मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों से घेर रही एनसीपी अपने विधायक की गिरफ्तारी पर सन्न है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने NDTV इण्डिया से बात करते हुए कहा कि कानून अपना काम कर रहा है।
फिलहाल मामले की जांच राज्य CID कर रही है। जो कदम से आगे पूछताछ करेगी।
एनसीपी की टिकट पर दूसरी बार विधायक बने रमेश कदम के खिलाफ लगे आरोप उनके अण्णाभाऊ साठे महामंडल के अध्यक्षपद पर रहते हुए किए कथित कारनामों के चलते हैं। राज्य सरकार का यह कॉरपोरेशन पिछड़ी जाती के विकास के लिए कार्यरत है। इस महामंडल की तिजोरी से बंदरबांट करने का आरोप कदम पर है।
कदम के खिलाफ़ CID की जांच में जो चौंकानेवाली जानकारी सामने आयी है वह कुछ इस प्रकार है। प्राथमिक जांच रिपोर्ट कहती है कि कदम ने अपने बैंक अकाउंट में 5 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवाए। उन्होंने कॉर्पोरेशन के पैसे से 16 गाड़ियां खरीदीं। जिसमें एक ऑडी और 2 मर्सिडीज शामिल हैं। इन पर 9 करोड़ 34 लाख रुपए खर्च हुए। इस खरीदी के लिए 23 अलग-अलग लोगों के नाम कर्जे उठाए।
कदम ने कांदिवली में फ्लैट और औरंगाबाद में जमीन खरीदी। जिसके लिए 13 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च हुए। इसके अलावा, करीब 82 करोड़ रुपये अलग अलग संस्थाओं को दिए गए।
जांच से जुड़े अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया की सरकारी पैसे की यह बंदरबांट महज बानगीभर है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी और कई तथ्य सामने आ सकेंगे। कुल घोटाला 382 करोड़ रुपये का हो सकता है।
इस मामले में महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता माधव भाण्डारी ने NDTV इण्डिया से बात करते हुए कहा कि, रमेश कदम एनसीपी नेता अजीत पवार के करीबी थे। और ऐसे में कदम के ग़लत फैसलों की आंच अजीत पवार पर आए बिना नहीं रहनी चाहिए। आखिर अजीत पवार ने ही बतौर वित्त मंत्री कदम की अध्यक्षतावाले महामंडल का बजट 4 गुना बढ़ा दिया था। इस अलावा कदम को पार्टी में इतनी अहमियत क्यों दी जा रही थी इस बात का खुलासा खुद पार्टी मुखिया शरद पवार को करना होगा।
उधर बीजेपी सरकार के मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों से घेर रही एनसीपी अपने विधायक की गिरफ्तारी पर सन्न है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने NDTV इण्डिया से बात करते हुए कहा कि कानून अपना काम कर रहा है।
फिलहाल मामले की जांच राज्य CID कर रही है। जो कदम से आगे पूछताछ करेगी।
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