पीएम ने राष्ट्रीय मीडिया केंद्र का उद्घाटन किया।
नई दिल्ली:
संप्रग सरकार ने शनिवार को अत्यंत आधुनिक सुविधाओं से लैस राष्ट्रीय मीडिया केंद्र का उद्घाटन किया और कहा कि उम्मीद है कि यह सरकार, मीडिया और लोगों के बीच संवाद में मददगार बनेगा।
शीशे से सुसज्जित शानदार चार मंजिली इमारत का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह संचार हब और मीडिया बिरादरी की जरूरतों को पूरी करने के लिए एकल खिड़की सुविधा की तरह काम करेगा।
मीडिया की आलोचना का सामना कर रहे प्रधानमंत्री ने मीडिया से इस बात की सावधानी बरतने के लिए कहा कि "तहकीकात की भावना, अनर्गल कीचड़ उछालने के अभियान में न बदल जाए।" उन्होंने कहा, "हमारे जैसे जीवंत लोकतंत्र में, जो कि स्वतंत्र तहकीकात और सवाल-जवाब में मौजूद है, मीडिया एक महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन इस जिम्मेदारी के निष्पादन में सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है। तहकीकात की भावना, मिथ्या आरोप मढ़ने के अभियान में तब्दील नहीं हो जाना चाहिए। किसी पर बेवजह आरोप लगाना, खोजी पत्रकारिता नहीं होती। व्यक्तिगत पूर्वाग्रह, लोक हित का स्थान हरगिज न लेने पाए।"
सिंह ने सामाजिक सौहार्द और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए मीडिया को जिम्मेदारी की भावना प्रदर्शित करने के लिए कहा और पिछले साल फर्जी फोटो और मोबाइल संदेशों से फैले गलत खबरों के बीच पूर्वोत्तर के हजारों लोगों की घर वापसी और उस संदर्भ में हुई हिंसा का उल्लेख किया।
आधुनिक मीडिया केंद्र के चार मंजिले भवन का निर्माण संसद भवन के नजदीक किया गया है। इसे वाशिगटन, टोक्यो और अन्य बड़े देशों की राजधानी में स्थित मीडिया केंद्रों की तर्ज पर तैयार किया गया है। मीडिया केंद्र का उद्घाटन आम चुनाव से कुछ ही महीनों पूर्व किया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी सरकार मीडिया हितप्रहरी की महत्वपूर्ण का स्वागत करती है। उन्होंने कहा, "हम मीडिया की हितप्रहरी की भूमिका और अच्छी नीयत से हमारी नीतियों की आलोचना का स्वागत करते हैं। हम मानते हैं कि कुछ कमियां रह जाती हैं जिन्हें उजागर किए जाने की जरूरत है। ऐसे में सरकार और मीडिया के बीच विस्तृत कार्यक्रमों, नीतियों, फैसलों और सूचनाओं का साझा होना चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय प्रेस केंद्र जैसे संस्थान मददगार साबित होंगे।"
मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 'यह राजनीतिक प्रतिष्ठान को असहज बनाता है' और यही कारण है कि सरकार अपना नजरिया सामने रखने में समर्थ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नया मीडिया केंद्र सरकार, मीडिया और लोगों के बीच सेतु की तरह और सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को प्रसारित करने का काम करेगा। उन्होंने हालांकि यह साफ किया कि सरकार प्रोपगंडा या प्रचार अभियान के पक्ष में नहीं है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि इस इमारत के निर्माण का विचार 21 साल पहले किया गया था और अंततोगत्वा अब यह मूर्त रूप ले लिया है।
इस इमारत का निर्माण राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) ने तीन सालों में किया है, जिस पर 60 करोड़ रुपये की लागत आई है।
शीशे से सुसज्जित शानदार चार मंजिली इमारत का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह संचार हब और मीडिया बिरादरी की जरूरतों को पूरी करने के लिए एकल खिड़की सुविधा की तरह काम करेगा।
मीडिया की आलोचना का सामना कर रहे प्रधानमंत्री ने मीडिया से इस बात की सावधानी बरतने के लिए कहा कि "तहकीकात की भावना, अनर्गल कीचड़ उछालने के अभियान में न बदल जाए।" उन्होंने कहा, "हमारे जैसे जीवंत लोकतंत्र में, जो कि स्वतंत्र तहकीकात और सवाल-जवाब में मौजूद है, मीडिया एक महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन इस जिम्मेदारी के निष्पादन में सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है। तहकीकात की भावना, मिथ्या आरोप मढ़ने के अभियान में तब्दील नहीं हो जाना चाहिए। किसी पर बेवजह आरोप लगाना, खोजी पत्रकारिता नहीं होती। व्यक्तिगत पूर्वाग्रह, लोक हित का स्थान हरगिज न लेने पाए।"
सिंह ने सामाजिक सौहार्द और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए मीडिया को जिम्मेदारी की भावना प्रदर्शित करने के लिए कहा और पिछले साल फर्जी फोटो और मोबाइल संदेशों से फैले गलत खबरों के बीच पूर्वोत्तर के हजारों लोगों की घर वापसी और उस संदर्भ में हुई हिंसा का उल्लेख किया।
आधुनिक मीडिया केंद्र के चार मंजिले भवन का निर्माण संसद भवन के नजदीक किया गया है। इसे वाशिगटन, टोक्यो और अन्य बड़े देशों की राजधानी में स्थित मीडिया केंद्रों की तर्ज पर तैयार किया गया है। मीडिया केंद्र का उद्घाटन आम चुनाव से कुछ ही महीनों पूर्व किया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि उनकी सरकार मीडिया हितप्रहरी की महत्वपूर्ण का स्वागत करती है। उन्होंने कहा, "हम मीडिया की हितप्रहरी की भूमिका और अच्छी नीयत से हमारी नीतियों की आलोचना का स्वागत करते हैं। हम मानते हैं कि कुछ कमियां रह जाती हैं जिन्हें उजागर किए जाने की जरूरत है। ऐसे में सरकार और मीडिया के बीच विस्तृत कार्यक्रमों, नीतियों, फैसलों और सूचनाओं का साझा होना चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय प्रेस केंद्र जैसे संस्थान मददगार साबित होंगे।"
मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 'यह राजनीतिक प्रतिष्ठान को असहज बनाता है' और यही कारण है कि सरकार अपना नजरिया सामने रखने में समर्थ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नया मीडिया केंद्र सरकार, मीडिया और लोगों के बीच सेतु की तरह और सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को प्रसारित करने का काम करेगा। उन्होंने हालांकि यह साफ किया कि सरकार प्रोपगंडा या प्रचार अभियान के पक्ष में नहीं है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि इस इमारत के निर्माण का विचार 21 साल पहले किया गया था और अंततोगत्वा अब यह मूर्त रूप ले लिया है।
इस इमारत का निर्माण राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) ने तीन सालों में किया है, जिस पर 60 करोड़ रुपये की लागत आई है।
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