सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के लिए सरकार के आर्थिक पैकेज को अंतिम रूप देने के लिए तैयार है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार अधिक लोन देने पर फैसला हो सकता है. तीन लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त लोन देने की बात हो सकती है. एमएसएमई की हर रजिस्टर्ड कंपनी को 20% अधिक लोन दिया जाएगा. MSME सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों की अप्रैल से जून तक के वेतन को इम्प्लॉई स्टेट एन्सोरेंस कॉर्पोरेशन (ESIC) से हर महीने देने का प्रस्ताव है. अभी ESIC फंड में 31 हज़ार करोड़ रुपए हैं.
मौजूदा लोन पर एक साल के लिए मोरेटोरियम का प्रस्ताव-
MSME सेक्टर की बकाया पेमेंट को अधिकतम 45 दिनों में भुगतान किया जाये. सरकार इसके लिए 10 हज़ार करोड़ सहायता दे सकती हैं. अभी सरकार MSME सेक्टर में काम करने वाले वो कर्मचारी जिनका वेतन 15 हज़ार तक हैं उनके EPFO में कर्मचारियों के हिस्से का प्रीमियम देती है. अब इसकी सीमा 15 हज़ार से बढ़ाकर 30000 हज़ार तक की जा सकती है. इससे सरकार पर पांच हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आयेगा.
MSME सेक्टर में अगर कम्पनी लोन लेती हैं तो उसमें सरकार मदद करेगी जैसे कि कम्पनी जो लोन लिया हैं उसका वार्षिक ब्याज 12 प्रतिशत हैं तो उसका 2 प्रतिशत ब्याज सरकार बैंक को देगी. इसके लिए सरकार पर 30 हज़ार बजट रख सकती हैं.
सरकार MSME सेक्टर के अच्छे उद्ममों में निवेश भी करेंगी. MSME सेक्टर में कम्पनियों के बैंक लोन को पुनर्गठन करने में भी मदद की जायेगी.
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