ग्रेटर नोएडा:
पिछले साल सितंबर माह में दादरी के बिसाहड़ा गांव में गोमांस की अफवाह को लेकर 52 वर्षीय मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर की गई हत्या के मामले में एक नया मोड़ आ गया। मामले के आरोपियों के परिवारवालों ने अदालत में अपील दायर की है, जिसमें कहा गया है कि अखलाक के परिजनों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए, क्योंकि उन्होंने एक बछड़े की हत्या की थी, जोकि राज्य में अवैध है।
ग्रेटर नोएडा अदालत में दायर याचिका में चश्मदीदों के नाम भी दिए गए हैं, जिनका दावा है कि उन्होंने अखलाक को बछड़े का वध करते देखा था।
यह याचिका मथुरा फोरेंसिक लैब की उस फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद दायर की गई, जिसमें कहा गया था कि पुलिस द्वारा जांच के लिए भेजे गए नमूने गाय या गोवंश के किसी पशु का ही था। पुलिस ने कहा है कि मांस अखलाक के घर के पास एक कूड़ेदान में से लिया गया और फॉरेंसिक रिपोर्ट से उनकी जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अर्जी में दावा किया गया है कि पिछले साल 26 सितंबर को बिसाहड़ा गांव के दो लोग, रनवीर और जतन ने देखा कि मो. अखलाक और उसका बेटा दानिश एक बछड़े को मार रहे थे। अखलाक ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि था कि बछड़े ने कई लोगों पर हमला किया और वह उसे अपने भाई मोहम्मद के घर पर बांधने के लिए जा रहा था।
याचिका में आगे कहा गया है कि इसके कुछ देर बाद एक अन्य गांववासी प्रेम सिंह, जोकि अखलाक के घर के पास से गुजर रहा था, ने देखा कि अखलाक बछड़े के गले को काट रहा था।
दो दिन बाद अखलाक को कथित तौर पर पशु के अवशेषों को कूड़ेदान में फेंकते देखा गया था। बाद में अखलाक ने ग्रामीणों के समक्ष कथित तौर पर बछड़े की हत्या की बात स्वीकार की थी।
पुलिस के अनुसार, अखलाक गोवध की अफवह के बाद अखलाक और उसके बेटे दानिश को भीड़ द्वारा पीटा गया। 18 लोगों को मामलो में गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा का बेटा भी था।
ग्रेटर नोएडा अदालत में दायर याचिका में चश्मदीदों के नाम भी दिए गए हैं, जिनका दावा है कि उन्होंने अखलाक को बछड़े का वध करते देखा था।
यह याचिका मथुरा फोरेंसिक लैब की उस फोरेंसिक रिपोर्ट के बाद दायर की गई, जिसमें कहा गया था कि पुलिस द्वारा जांच के लिए भेजे गए नमूने गाय या गोवंश के किसी पशु का ही था। पुलिस ने कहा है कि मांस अखलाक के घर के पास एक कूड़ेदान में से लिया गया और फॉरेंसिक रिपोर्ट से उनकी जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अर्जी में दावा किया गया है कि पिछले साल 26 सितंबर को बिसाहड़ा गांव के दो लोग, रनवीर और जतन ने देखा कि मो. अखलाक और उसका बेटा दानिश एक बछड़े को मार रहे थे। अखलाक ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि था कि बछड़े ने कई लोगों पर हमला किया और वह उसे अपने भाई मोहम्मद के घर पर बांधने के लिए जा रहा था।
याचिका में आगे कहा गया है कि इसके कुछ देर बाद एक अन्य गांववासी प्रेम सिंह, जोकि अखलाक के घर के पास से गुजर रहा था, ने देखा कि अखलाक बछड़े के गले को काट रहा था।
दो दिन बाद अखलाक को कथित तौर पर पशु के अवशेषों को कूड़ेदान में फेंकते देखा गया था। बाद में अखलाक ने ग्रामीणों के समक्ष कथित तौर पर बछड़े की हत्या की बात स्वीकार की थी।
पुलिस के अनुसार, अखलाक गोवध की अफवह के बाद अखलाक और उसके बेटे दानिश को भीड़ द्वारा पीटा गया। 18 लोगों को मामलो में गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक स्थानीय बीजेपी नेता संजय राणा का बेटा भी था।
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