जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'गंभीर प्रतिबंधों और इंटरनेट निलंबन के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था को 1500 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है. कश्मीर अनिश्चितता और भय की चपेट में है. विकास का तर्क केवल मुखौटा है. असली मकसद राजनीतिक लाभ को फिर से हासिल करना था जोकि नाकाम बीजेपी की खीज ज्यादा थी.' महबूबा ने कहा, 'अगर भारत सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों की सच में चिंता करती थी तो उसे संवाद शुरू करना चाहिए था और आशंकाओं को दूर करना चाहिए था लेकिन बजाय इसके उसने एक हद तक डर की मनोविकृति पैदा की. जहां कश्मीर में स्थानीय प्रेस ने भी सेल्फ सेंसरशिप लगा दी.' गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती का ट्विटर हैंडल उनकी बेटी संभालती हैं.
Due to severe restrictions & internet suspension, state economy has lost 1500 crores & counting. Kashmir is gripped with uncertainty & fear. Development argument is a facade. The real motive was to reap political dividends which much to the chagrin of BJP failed.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 5, 2019
ठीक एक दिन पहले नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर कैबिनेट की मुहर लगने पर भी महबूबा मुफ्ती ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि यह संकेत है कि बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार मुस्लिमों के पक्ष में नहीं है. पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकाउंट पर एक संदेश के जरिए इस बिल पर पीडीपी का रुख भी साफ कर दिया गया. नागरिक संसोधन बिल पर कैबिनेट की मुहर लगने के कुछ घंटों पर बाद महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकाउंट पर लिखा गया, इंडिया- नो कंट्री फ़ॉर मुस्लिम्स, बता दें कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बाद से ही महबूबा मुफ्ती को हिरासत में रखा गया है.
यह पहला मौका नहीं था जब महबूबा मुफ्ती या फिर उनकी बेटी ने केंद्र सरकार पर मुस्लिमों को टारगेट करने का आरोप लगाया हो. जम्मू कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने के बाद भी उन्होंने लिखा था कि केंद्र सरकार की मंशा बहुत साफ और भयानक है. वो भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य की जनसांख्यिकी को बदलना चाहते हैं, उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि वह मुस्लमानों को अपने ही राज्य में दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना चाहते हैं. महबूबा मुफ्ती के अलावा दो और पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुख अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को भी हिरासत में रखा गया है. उनकी रिहाई की तारीख के बारे में अब तक ऐलान नहीं किया गया है.
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