'नाम से फर्क नहीं पड़ता, बस, बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिले' : DU के नए कॉलेजों के नाम सावरकर-सुषमा रखने पर AAP नेता

दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि फिलहाल स्थिति काबू में है. हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.

'नाम से फर्क नहीं पड़ता, बस, बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिले' : DU के नए कॉलेजों के नाम सावरकर-सुषमा रखने पर AAP नेता

कोविड की वजह से अर्थव्यवस्था में गिरावट : मनीष सिसोदिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के दो नए कॉलेजों का नाम सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) और वीर सावरकर (Veer Savarkar) के नाम पर रखने का फैसला किया गया है. इस पर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि कॉलेज का नाम किसी के नाम पर रख लीजिए बस बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिलनी चाहिए. दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों पर डिप्टी सीएम ने कहा कि फिलहाल स्थिति काबू में है. हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आकलन कर रहे हैं. सिसोदिया ने बेरोजगारी, महंगाई और अर्थव्यस्था को लेकर भी टिप्पणी की. 

DU के 2 कॉलेज के नाम सुषमा स्वराज और वीर सावरकर के नाम पर रखने पर
सिसोदिया ने बयान में कहा कि अच्छी बात है कि दिल्ली में दो नए कॉलेज खुल रहे हैं. दिल्ली के लोगों के लिए भी और देश के लोगों के लिए भी दिल्ली विश्वविद्यालय बहुत शानदार अतीत वाला विश्वविद्यालय है. दिल्ली में दो नए कॉलेज और खुलेंगे तो यह और अच्छी बात होगी. किसी के नाम पर भी कॉलेज का नाम रखिए, लेकिन बच्चों को पढ़ाइए. बच्चों को अच्छी पढ़ाई मिले किसी के नाम पर भी कॉलेज का नाम रखा जाए तो अच्छा ही है. 

बेरोजगारी बढ़ने पर
डिप्टी सीएम ने कहा कि कोविड की वजह से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है, जिसका असर बेरोजगारी के रूप में देखने को मिला है तथा आगे और मिलेगा. इसके लिए हमारी तरफ से गरीब लोगों के वेलफेयर के लिए जितनी भी योजनाएं चलाई गई उसका एक पॉजिटिव असर रहा है. लोगों को रात को भूखे नहीं सोने दिया गया यह जिम्मेदारी सरकार ने  उठाई है. गरीब लोग, कंस्ट्रक्शन वर्कर, ऑटो ड्राइवर, टैक्सी ड्राइवर, बीपीएल में आने वाले लोग इन सभी को थोड़े-थोड़े समय पर सरकार ने अपने पास से लॉकडाउन के दौरान कैश का सहारा भी दिया ताकि उनकी रोजी-रोटी चलती रहे. अब सरकार रोजगार को लेकर योजना लेकर आ रही है, जिसको थोड़े दिन बाद लांच करेंगे. एक तरफ जहां धीरे-धीरे सब कुछ खुल रहा है तो लोगों को काम करने वालों की जरूरत है, काम करने वाले खाली बैठे हैं तो इन दोनों को मैच कराने के लिए सरकार रोजगार बाजार 2.0 पर काम कर रही है. 

महंगाई और बेरोजगारी का असर
आम आदमी के लिए ये सबसे बड़ी मुसीबत का समय रहा और इसमें सरकार की ओर से जितनी मदद की जा सके वह कर रही है. इसीलिए दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने गरीबों के ऊपर कम से कम बोझ पड़े उस पर काम किया है. लोगों को बिजली-पानी का खर्चा नहीं उठाना है, महिलाओं की यात्रा फ्री है, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा नहीं उठाना है, इलाज का खर्चा नहीं उठाना है. बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य यातायात इन सब पर सरकार ने मदद की है ताकि किसी गरीब आदमी को सर बाइबिल का संकट ना हो, सरकार उनके साथ खड़ी है. 

डेंगू के बढ़ते मामलों पर
सिसोदिया ने कहा कि डेंगू नियंत्रण में है, जिस भी हॉस्पिटल से केस रिपोर्ट हो रहे हैं, वह हम आकलन कर रहे हैं कि उसमें दिल्ली के कितने लोग हैं, बाहर के कितने हैं अभी चिंता की कोई बात नहीं है.

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