बाढ़, भूस्खलन से बंगाल, मणिपुर और ओडिशा में भारी तबाही, 60 की मौत

बाढ़, भूस्खलन से बंगाल, मणिपुर और ओडिशा में भारी तबाही, 60 की मौत

मणिपुर के चंदेल जिले में जलमग्न एक सड़क

कोलकाता:

'कोमेन' तूफान के बाद बाढ़ तथा भूस्खलन से पश्चिम बंगाल, ओडिशा और मणिपुर में काफी तबाही हुई है। इन तीनों राज्यों में अब तक 60 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं। तूफान के बाद बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम बंगाल के गंगा के क्षेत्र में पहुंच गया। अगले 24 घंटों में भारी बारिश की आशंका जताया गई है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में लगातार बारिश से न सिर्फ राजधानी कोलकाता के कई इलाके डूबे हुए हैं, बल्कि राज्य के 12 जिलों में भी हालात काफी खराब हैं। राज्य में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1.8 लाख घर बर्बाद हो गए हैं। एक लाख से अधिक लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।

ओडिशा में करीब पांच लाख लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। राज्य में बाढ़ की स्थिति में सुधार आई है और तीन बड़ी नदियों में पानी घट रहा है। मणिपुर में भारी बारिश से हुए भूस्खलन में 20 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ के कारण यहां के चार जिले काफी प्रभावित हुए हैं, लेकिन सबसे बुरा हाल चंदेल और थोबल का है।

चंदेल ज़िले में बाढ़ के चलते ज़मीन धंस गई, जिससे यहां 20 लोगों की मौत हो गई। कहा जा रहा है कि पिछले तीन दशक में मणिपुर में आई ये सबसे भयानक बाढ़ है। राहत एवं बचावकर्मियों को प्रभावित इलाकों में पहुंचने में परेशानी हो रही है, क्योंकि सड़कें पूरी तरह पानी में डूबी हुईं हैं।

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कई पुल और सड़कें बह गईं हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। नेशनल हाइवे 37 पर इंफाल की ओर जा रहे लकड़ी से लदे करीब 300 ट्रक फंस गए। उखरूल ज़िले में मडस्लाइड में करीब 300 मकान बह गए। मणिपुर की चाकपी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हज़ारों लोग सरकार के द्वारा लगाए कैंपों में रह रहे हैं। हालांकि कई इलाक़ों में लोगों ने आरोप लगाया है कि मुश्किल हालात में सरकारी नुमाइंदे उनकी मदद के लिए नहीं पहुंचे।