ममता बनर्जी ने गुटबाजी के बीच भतीजे अभिषेक बनर्जी का किया समर्थन, नंबर दो की हैसियत बरकरार

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को तृणमूल की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता की. यह टीएमसी की शीर्ष निर्णय़ लेने वाली इकाई है. ये बैठक ममता बनर्जी के कोलकाता स्थित आवास पर हुई.

ममता बनर्जी ने गुटबाजी के बीच भतीजे अभिषेक बनर्जी का किया समर्थन, नंबर दो की हैसियत बरकरार

Mamata Banerjee ने अभिषेक बनर्जी का किया समर्थन

कोलकाता:

तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने पार्टी में अंतर्कलह के बीच अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी का समर्थन किया है. ममता ने उनकी पार्टी में नंबर दो की हैसियत बनाए रखी है. ममता ने पार्टी के आंतरिक संगठन में फेरबदल का पिछले हफ्ते संकेत दिया है. पार्ट में गुटबाजी के संकेतों के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ने ये फैसला लिया था. अभिषेक बनर्जी कोदोबारा टीएमसी का महासचिव बनाया गया है. ममता बनर्जी ने शुक्रवार को तृणमूल की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता की. यह टीएमसी की शीर्ष निर्णय़ लेने वाली इकाई है. ये बैठक ममता बनर्जी के कोलकाता स्थित आवास पर हुई.

ममता बनर्जी की पार्टी ने हाल ही में निकाय चुनाव में शानदार सफलता हासिल करते हुए चारों बड़े शहरों में जीत हासिल की है. अभिषेक बनर्जी पर मुहर लगाने के साथ तृणमूल सुप्रीमो ने पूर्वोत्तर में पार्टी की इकाई की जिम्मेदारी कांग्रेस से टीएमसी में आईं सुष्मिता देव औऱ मुकुल संगमा को सौंपी है. वरिष्ठ नेता औऱ पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को उपाध्यक्ष बनयाा गया है. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुब्रत बख्शी और चंद्रिमा भट्टाचार्य पहले ही इस पद पर हैं. बंगाल सरकार में मंत्री अरूप बिस्वास को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. कोलकाता मेयर फिरहाद हकीम को संयोजन प्रभारी नियुक्त कियागया है. 

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कमेटी के सदस्यों में पिछले हफ्ते फेरबदल किया गया था, जब अभिषेक बनर्जी के समर्थक और अन्य नेताओं के बीच अंतर्विरोध सामने आए थे. पुराने नेताओं और युवा नेताओं के बीच बढ़ती आंतरिक कलह के बीच बनर्जी ने पिछले हफ्ते तत्कालीन राष्ट्रीय पदाधिकारी समिति और इसके तहत आने वाले विभागों को भंग कर दिया था. इसके बाद उन्होंने पार्टी के दिग्गजों से भरी इस 20 सदस्यीय कार्यसमिति का गठन किया. तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं और प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली आई-पीएसी के कुछ सदस्यों के बीच सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी भी देखने को मिली थी. साथ ही पार्टी में एक व्यक्ति-एक पद को लेकर भी मनमुटाव साफ तौर पर सामने आए थे. इसके बाद ममता बनर्जी को विवाद में दखल देना पड़ा.