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This Article is From Aug 17, 2020

प्रमुख नागा समूह ने समझौते की "मूल प्रति" जारी की, राज्यपाल पर लगाए ये आरोप...

18 साल की शांति वार्ता में शामिल सबसे बड़े नागा समूह, NSCN (इस्साक-मुइवा) ने केंद्र सरकार के साथ हस्ताक्षरित 2015 के समझौते की "मूल प्रति" जारी की है.

प्रमुख नागा समूह ने समझौते की "मूल प्रति" जारी की, राज्यपाल पर लगाए ये आरोप...
नागालैंड के राज्यपाल आर एन रवि (फाइल फोटो).
गुवाहाटी:

18 साल से शांति वार्ता में शामिल सबसे बड़े नागा समूह, NSCN (इस्साक-मुइवा) ने केंद्र सरकार के साथ हस्ताक्षरित 2015 के समझौते की "मूल प्रति" जारी की है. समूह ने गवर्नर और वार्ताकार आरएन रवि पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मूल फ्रेमवर्क समझौते के शब्दों में हेरफरे कर नागा समूहों के बीच प्रसारित किया. मामले में आरएन रवि या केंद्र की तरफ से अभी आरोपों का जवाब नहीं दिया गया है.

इससे पहले एनएससीएन (आईएम) ने बयान दिया था कि नागा शांति समझौते में अभी 'बाधा' है. समूह ने राज्यपाल आरएन रवि को वार्ताकार के रूप में हटाने के लिए केंद्र सरकार से कहा है. नागा फ्रेमवर्क समझौते पर 2015 में हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन एक अलग ध्वज और संविधान पर असहमति के कारण कोई संधि नहीं हुई है.

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पिछले साल, एनएससीएन (आईएम) ने अलग ध्वज और संविधान की मांग पर अपना रुख सख्त कर दिया था - जिसे केंद्र ने पहले ही खारिज कर दिया था. NSCN (IM) को छोड़कर, अन्य नागा समूह, जो 2017 में इस प्रक्रिया में शामिल हुए, एक अलग ध्वज और संविधान के बिना अंतिम शांति समझौते के लिए तैयार हैं.

आज शाम जारी बयान में, NSCN (IM) ने कहा: "फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के संदर्भ में नागा शांति समझौते पर संसदीय स्थायी समिति को जानकारी देते हुए, राज्यपाल रवि ने कहा कि समझौते की रूपरेखा समझौते में नहीं थी." रवि के अनुसार, फ्रेमवर्क एग्रीमेंट नागा इतिहास की विशिष्टता की सरकार द्वारा मान्यता के बारे में था और "यह समझ कि नागा इतिहास की विशिष्टता के संबंध में समावेशी समझौता भारतीय महासंघ के भीतर होगा."

बयान में कहा गया, "उन्होंने आगे कहा कि यह समझौते में निहित था कि नागाओं के लिए कुछ विशेष व्यवस्था करनी होगी. यह केवल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट की राज्यपाल की व्याख्या है." एनएसएनसी (आईएम) ने नागालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री एससी जमीर पर इस प्रक्रिया में बाधा डालने के आरोप लगाए हैं.

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समूह ने राज्यपाल पर "नागा राजनीतिक मुद्दे को संवैधानिक कानून और व्यवस्था की समस्या" के रूप में बदलने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया. प्रेस बयान में कहा गया,"हमने NIA द्वारा एनएससीएन (आईएम) के सदस्यों की हत्या, घर की छापेमारी, गिरफ्तारी और मैनहंट को देखा है. जब से रवि राज्यपाल बने हैं असम राइफल्स जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो गई है." 

वार्ताकार प्रधानमंत्री के आदेश का पालन करता है और समूह ने कहा कि वह राज्यपाल से वार्ताकार के रूप में बात कर रहा है और राज्यपाल के रूप में नहीं. "लेकिन चूंकि रवि ने बातचीत की प्रक्रिया में उलझन पैदा की है, इसलिए पीएम ने आईबी से बातचीत जारी रखने के लिए कहा है. " समूह ने कहा, केंद्र लंबित बिंदुओं पर अपना मन बनाए.

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14 अगस्त को, एक बयान में एनएससीएन (आईएम) के महासचिव थुइन्गालेंग मुइवा ने कहा था कि केंद्र ने 2015 में हस्ताक्षरित फ्रेमवर्क समझौते के माध्यम से नागाओं की संप्रभुता को मान्यता दी थी, यह दोहराते हुए कि नागा सह-अस्तित्व में होंगे लेकिन भारत के साथ विलय नहीं करेंगे.

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