महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन होते ही बोतल में बंद पड़े मुद्दों को फिर से बाहर निकालने की मांग उठने लगी है. कांग्रेस नेता और सांसद हुसैन दलवई ने सनातन संस्था पर पाबंदी के साथ जज लोया की संदिग्ध मौत की जांच फिर से कराने की मांग की है. सवाल यह है कि क्या उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सनातन संस्था पर पाबंदी की मांग मंजूर करेंगे? या जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत की फिर से जांच कराएंगे? सनातन संस्था पर आतंकी धमाकों के अलावा डॉ नरेंद्र दाभोलकर, कॉमरेड गोविंद पानसरे, लेखक एम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के आरोप हैं.
सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे. नागपुर में एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे लेकिन वहां उनकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया लेकिन पर्याप्त सबूत न होने की बात कहकर अदालत ने अर्जी खारिज कर दी.
मालेगांव के सन 2008 के बम धमाके की जांच केंद्रीय एजेंसी के पास है लेकिन मामले में आरोपी नम्बर एक सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को NIA की क्लीन चिट पर भी सवाल उठना शुरू हो गए हैं.
बोतल में बंद जिन्नों को बाहर निकालने की मांग कर एनसीपी और कांग्रेस बीजेपी को घेरने की कोशिश में हैं लेकिन वे भूल जाते हैं कि शिवसेना भी कट्टर हिंदुत्ववादी पार्टी रही है.
VIDEO : सनातन संस्था की मुश्किलें बढ़ीं
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