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This Article is From Dec 24, 2019

CAA के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में लखनऊ पुलिस ने PFI के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया

लखनऊ पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है और दावा किया कि राजधानी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गुरुवार को हिंसा का मास्टरमाइंड यही संगठन है.

लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 1 की मौत और 50 घायल हो गए थे

नई दिल्ली:

लखनऊ पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है और दावा किया कि राजधानी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गुरुवार को हिंसा का मास्टरमाइंड यही संगठन है. राजधानी में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों में गुरुवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई और 50 लोग घायल हो गए थे. गिरफ्तार लोगों की पहचान पीएफआई अध्यक्ष वसीम अहमद, कोषाध्यक्ष नदीम, मंडल अध्यक्ष अशफाक के रूप में हुई है.  लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने सोमवार रात पत्रकारों से कहा कि पीएफआई सदस्यों ने पूरे शहर में कई बैठकें कीं. उन्होंने कहा कि पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और प्रत्यक्षदर्शियों के माध्यम से ठोस सबूत मिले हैं. एसएसपी ने कहा, "पीएफआई ने विभिन्न कॉलोनियों सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित आपत्तिजनक जानकारियों की पंपलेट, तख्तियां और अन्य वस्तुएं वितरित कीं तथा सोशल मीडिया पर प्रसारित कीं." उन्होंने कहा कि पीएफआई कार्यकर्ताओं ने रिहाई मंच समेत अन्य संगठनों के साथ शहर में भीड़ इकट्ठी की. रिहाई मंच का एक कार्यकर्ता रॉबिन वर्मा पहले ही जेल में है.

गाजियाबाद में आप MLA के खिलाफ FIR
दिल्ली के दंगों (जामिया नगर) में जैसे-तैसे आफत गले में पड़ने से बचे आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान अब यूपी में जा फंसे हैं. यूपी पुलिस ने गाजियाबाद के थाना कोतवाली में एमएलए के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है. रविवार 18 दिसंबर 2019 को गाजियाबाद के कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर में अकेले आम आदमी पार्टी एमएलए को मुलजिम बनाया गया है. शिकायतकर्ता हरिओम पाण्डेय द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, "लोकसेवक होने के बाद भी विधायक अमानतुल्लाह खान ने सीधे-साधे युवाओं को नौकरी और लाखों रुपये देने का लालच देकर पहले तो बरगलाया। बाद में गुमराह हुए इन्हीं युवकों के जरिये समाज में विद्वेष की आग भड़का दी. विधायक के भड़काने के बाद ही देश भर में उस नागरिकता संशोधन बिल को लेकर एक जाति-वर्ग विशेष में खलबली मच गई, जिसका अभी तक सही रूप-स्वरूप तक तैयार होकर सामने नहीं आया है."

मेरठ जाने से रोके गए राहुल-प्रियंका गांधी 
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने मेरठ जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को पुलिस ने शहर के बाहर ही रोक लिया. कांग्रेस नेताओं ने पुलिस से कहा कि वे केवल तीन लोग ही जाएंगे, लेकिन फिर भी पुलिस ने उन्हें शहर में नहीं जाने दिया गया. उन्हें मेरठ से बाहर प्रतापपुर में रोक दिया गया. पुलिस ने उनसे कहा कि आप दो दिन के बाद आएं.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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