इलाहाबाद:
इलाहाबाद पुलिस ने बैंको के बाहर छिनैती करने वाले एक महागिरोह का पर्दाफाश कर इसके पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है जो बेहद शातिराना अंदाज़ में बैंक के ग्राहकों को अपना निशाना बनाते थे। बिहार के कटिहार जिले के एक गाँव 'ज़ोराबगंज' के इस गिरोह में चार-छह नहीं बल्कि 70 से 80 लड़के शामिल हैं जिनकी उम्र 20 से 30 साल के बीच है।
ये लड़के उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लूट और छिनैती की वारदात को अंजाम दे रहे हैं और हर जगह इस गिरोह का वारदात करने का तरीका एक सा ही होता है। पहले इस गिरोह का एक सदस्य किसी इलाके में जाकर तमाम बैंको की रेकी कर लूट का प्लाट तैयार करता फिर छह-सात की संख्या में गिरोह के सदस्य बैंक के अन्दर और बाहर बुगुर्ग और महिलाओं को टार्गेट बनाकर बैंक से पैसा ले जाते समय पैसा छीन कर भाग जाते।
इनके निशाने पर ऐसे लोग होते रहे हैं जिनके पास इन्हें पच्चीस हज़ार से ज्यादा रुपया होने की उम्मीद होती थी। पुलिस ने पहले इलेक्ट्रोनिक सर्वेलेंस की मदद से बैंक के आस-पास के संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान कर इनके पांच लोगों को पकड़ा जिसके बाद पूरी कहानी सामने आयी। पुलिस ने लुटेरों के इस महागिरोह के सदस्यों के पास से लूटे गए सत्तर हज़ार रुपये नकद बरामद किये हैं।
इलाहाबाद के एसएसपी नवीन अरोरा ने कहा कि यह गिरोह बैंक से निकल रहे बुजुर्ग और महिलाओं को निशाने बनाते थे। पुलिस ने बैंक के आसपास संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान कर सर्विलांस की मदद से इस गिरोह के 5 लोगों को पकड़ा है।
ये लड़के उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लूट और छिनैती की वारदात को अंजाम दे रहे हैं और हर जगह इस गिरोह का वारदात करने का तरीका एक सा ही होता है। पहले इस गिरोह का एक सदस्य किसी इलाके में जाकर तमाम बैंको की रेकी कर लूट का प्लाट तैयार करता फिर छह-सात की संख्या में गिरोह के सदस्य बैंक के अन्दर और बाहर बुगुर्ग और महिलाओं को टार्गेट बनाकर बैंक से पैसा ले जाते समय पैसा छीन कर भाग जाते।
इनके निशाने पर ऐसे लोग होते रहे हैं जिनके पास इन्हें पच्चीस हज़ार से ज्यादा रुपया होने की उम्मीद होती थी। पुलिस ने पहले इलेक्ट्रोनिक सर्वेलेंस की मदद से बैंक के आस-पास के संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान कर इनके पांच लोगों को पकड़ा जिसके बाद पूरी कहानी सामने आयी। पुलिस ने लुटेरों के इस महागिरोह के सदस्यों के पास से लूटे गए सत्तर हज़ार रुपये नकद बरामद किये हैं।
इलाहाबाद के एसएसपी नवीन अरोरा ने कहा कि यह गिरोह बैंक से निकल रहे बुजुर्ग और महिलाओं को निशाने बनाते थे। पुलिस ने बैंक के आसपास संदिग्ध मोबाइल नंबरों की पहचान कर सर्विलांस की मदद से इस गिरोह के 5 लोगों को पकड़ा है।
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