Coronavirus: देश सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की महामारी के बीच कुछ अच्छे पहलू भी सामने आए हैं. कोरोना वायरस के चलते जारी लॉकडाउन के कारण सड़कों पर नहीं के बराबर वाहन नजर आ रहे हैं. औद्योगिक इकाइयों में भी उत्पादन ठप है, इसके कारण प्रदूषण में काफी कमी आई है. कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन (Lockdown) के बाद प्रदूषण में आई कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud)ने रोचक कमेंट किया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा, 'पहली बार मैंने बगीचे में मोरों का झुंड देखा. आसमान में तारे देखे. आमतौर पर दिल्ली में प्रदूषण की वजह से ये दिखाई नहीं देते.'
गौरतलब है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की महामारी के चलते सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाईकोर्ट व निचली अदालतों में कामकाज वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई का निर्देश दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी हाईकोर्ट वीडियो कांफ्रेंसिंग (Video Conferencing) के जरिए सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाते हुए सुनवाई करेंगे. टेक्नॉलॉजी ने कनेक्टिविटी, एक्सेसिबिलिटी की सुविधा दी है वैसे भी कोर्ट तकनीक को अपनाने में सक्रिय रहे है. कामकाज में बदलाव की जरूरत है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि सभी अदालतों में आईसीटी सक्षम बुनियादी ढाँचा स्थापित किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के अभूतपूर्व असाधारण प्रकोप के आधार पर यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि अदालत परिसर वायरस के प्रसार में योगदान न करें. यह विवेक की नहीं बल्कि हमारे कर्तव्य की बात है. अदालत ने इस दौरान कहा, कोरोना के अभूतपूर्व प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि परिसर में संक्रमण न हो. शीर्ष कोर्ट यानी सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया. सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान अदालत के वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए काम करने पर स्वत: संज्ञान लिया है.
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