कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई आर वाला की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई आर वाला के विशेष अधिकारी एच.के. परमार ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव कौशिक मुखर्जी को पत्र लिख कर निजी कन्नड़ चैनल पब्लिक टीवी के खिलाफ कारवाई करने का अनुरोध किया है।
इस पत्र में लिखा है कि राज्यपाल वाजूभाई आर वाला को एक फ़िज़ूल ख़र्च करने वाले राज्यपाल की तरह टीवी चैनल के कार्यकर्मों में लगातार पेश किया जा रहा है। इससे महामहिम राजयपाल काफी नाराज़ हैं। परमार ने दावा किया है कि ख़र्चे कानून के तहत किये गए।
इससे ठीक पहले कर्नाटक सरकार की तरफ से भी एक विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी गयी है कि राजभवन पर ख़र्चे मौजूदा राजयपाल के कहने पर नहीं किया गया बल्कि पूर्व राजयपाल एच.आर. भारद्वाज के समय में ही इसकी पहल की गयी थी। हालांकि राजयपाल के विशेष अधिकारी परमार या राज्य सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में उस 1.31 करोड़ रुपये का ब्योरा या सफाई नहीं दी गयी है जो राजयपाल ने 9 महीने के कार्यकाल में हवाई यात्रा पर ख़र्च किया।
दरअसल आरटीआई से हासिल किये गए दस्तावेज़ों से पता चला कि 9 महीने के उनके कार्यकाल में लगभग 4 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं जिनमें 50 लाख रुपये राजयपाल के किचन, टॉयलेट और डाइनिंग हॉल पर ही हुए जबकि 40 लाख रुपये उनके सैन्य सलाहकार यानी एडिसी के चैम्बर पर खर्च किये गए।
कर्नाटक के कानून मंत्री टी.बी. जयचंद्रा ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि राजयपाल एक संवैधानिक पद है ऐसे में वो इसपर प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
इस पत्र में लिखा है कि राज्यपाल वाजूभाई आर वाला को एक फ़िज़ूल ख़र्च करने वाले राज्यपाल की तरह टीवी चैनल के कार्यकर्मों में लगातार पेश किया जा रहा है। इससे महामहिम राजयपाल काफी नाराज़ हैं। परमार ने दावा किया है कि ख़र्चे कानून के तहत किये गए।
इससे ठीक पहले कर्नाटक सरकार की तरफ से भी एक विज्ञप्ति जारी कर सफाई दी गयी है कि राजभवन पर ख़र्चे मौजूदा राजयपाल के कहने पर नहीं किया गया बल्कि पूर्व राजयपाल एच.आर. भारद्वाज के समय में ही इसकी पहल की गयी थी। हालांकि राजयपाल के विशेष अधिकारी परमार या राज्य सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में उस 1.31 करोड़ रुपये का ब्योरा या सफाई नहीं दी गयी है जो राजयपाल ने 9 महीने के कार्यकाल में हवाई यात्रा पर ख़र्च किया।
दरअसल आरटीआई से हासिल किये गए दस्तावेज़ों से पता चला कि 9 महीने के उनके कार्यकाल में लगभग 4 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं जिनमें 50 लाख रुपये राजयपाल के किचन, टॉयलेट और डाइनिंग हॉल पर ही हुए जबकि 40 लाख रुपये उनके सैन्य सलाहकार यानी एडिसी के चैम्बर पर खर्च किये गए।
कर्नाटक के कानून मंत्री टी.बी. जयचंद्रा ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि राजयपाल एक संवैधानिक पद है ऐसे में वो इसपर प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
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