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This Article is From Apr 23, 2020

बाबुल सुप्रियो के आरोप पर कोलकाता पुलिस का जवाब- मंत्री ने ट्विटर पर दी गलत और झूठी जानकारी

कोलकाता पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सुप्रियो को जवाब देते हुए लिखा गया है, 'बाबुल सुप्रियो द्वारा किया गया ये ट्वीट पूरी तरह से गलत और झूठी जानकारी है. कोलकाता पुलिस ने सोमनाथ दास के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है.'

बाबुल सुप्रियो के आरोप पर कोलकाता पुलिस का जवाब- मंत्री ने ट्विटर पर दी गलत और झूठी जानकारी
कोलकाता पुलिस ने बाबुल सुप्रियो द्वारा दी गई जानकारी को गलत बताया है. (फाइल फोटो)
कोलकाता:

कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) ने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया है. कोलकाता पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सुप्रियो को जवाब देते हुए लिखा गया है, 'बाबुल सुप्रियो द्वारा किया गया ये ट्वीट पूरी तरह से गलत और झूठी जानकारी है. कोलकाता पुलिस ने सोमनाथ दास के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है.' दरअसल केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया था कि एमआर बांगुर अस्पताल की हालत दिखाने वाला वीडियो, जिसे सोमनाथ दास ने पोस्ट किया था, के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने केस दर्ज किया है. वह कोरोना के संदिग्ध मरीज थे. उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई. उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

बाबुल सुप्रियो ने ट्विटर पर अस्पताल के उसी वीडियो को पोस्ट किया था. NDTV वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है. यह वीडियो कथित तौर पर कोलकाता के नोडल अस्पतालों में से एक एमआर बांगुर के एक आइसोलेशन वार्ड के अंदर एक कोविड-19 रोगी द्वारा लिया गया था. वीडियो का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा वार्ड में पड़े दो शव हैं, जिन्हें निकालने का इंतजार किया जा रहा है. यहां तक कि अन्य मरीज भी इधर-उधर घूमते और चिकित्सा की प्रतीक्षा करते नजर आ रहे हैं.

वीडियो शूट करने वाला व्यक्ति यह कहते हुए सुना जा सकता है कि शव दो से तीन घंटे से वार्ड में पड़े हैं. शवों में से एक प्लास्टिक की चादर से ढका हुआ दिखता है. वहीं, दूसरा एक कपड़े ढका हुआ है. शव के दोनों तरफ रोगी बैठे दिख रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने बीते दिन से अस्पतालों के अंदर मोबाइल फोन ले जाने पर पाबंदी लगा दी. सरकार ने कहा कि यह एक जोखिम है और इससे कोरोनावायरस का संक्रमण चारों तरफ जा सकता है. राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और मरीजों को अस्पतालों के अंदर सेल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के इस्तेमाल के लिए लैंडलाइन और इंटरकॉम लगाए जाएंगे. बीजेपी ने राज्य सरकार के इस फैसले को वायरल हुए वीडियो से जोड़ा है.

बाबुल सुप्रियो ने वीडियो ट्वीट कर ममता बनर्जी सरकार से इसकी सच्चाई की पुष्टि करने को कहा. बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट कर कहा कि सभी प्लेटफॉर्म पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद भी अभी तक राज्य सरकार ने यह दावा नहीं किया है कि वीडियो फर्जी है या यह बांगुर अस्पताल नहीं है. इससे यह विश्वास होता है कि यह वीडियो वास्तव में सही है. पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी के हवाले से न्यूज एजेंसी PTI ने कहा कि वीडियो की सत्यता का पता लगाने की जरूरत है और यदि यह सही पाई जाती है, तो प्रशासन उचित कदम उठाएगा. चटर्जी ने कहा, 'हमें पहले जांच करनी होगी कि वीडियो सही है या नकली, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाजपा फर्जी वीडियो फैलाने में माहिर है.'

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