कृषि कानूनों (Farmers Protest) के खिलाफ आज किसान रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Andolan) कर रहे हैं. चार घंटे लंबे आंदोलन में हरियाणा के सोनीपत, अंबाला और जींद में किसान पटरियों पर बैठ गए हैं. इसमें महिलाएं भी शामिल हैं. कुरक्षेत्र में गीता जयंती एक्सप्रेस ट्रेन को भी रोका गया है. उधर, हरियाणा के चरखी दादरी में किसानों के लिए खाने-पीने का प्रबंध किया गया. गांव में लोगों ने उन्हें चाय-पकौड़े दिए. वहीं धरनास्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को भी खिलाया गया.
आंदोलन को देखते हुए देशभर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, यूपी, पश्चिम बंगाल पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही रेलवे सुरक्षाबलों की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की है. एक ओर भारतीय किसान यूनियन ने जहां अपील की है कि आंदोलन को शांतिपूर्ण रखा जाए, वहीं देश के कई राज्यों में पुलिस अलर्ट है. कई संवेदनशील जिलों में स्टेशनों के बाहर पुलिसकर्मियों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है.
Here are the Updates for Farmers' Rail Roko Andolan :
गुरुवार को कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों ने कई राज्यों, खासकर- उत्तर प्रदेश और हरियाणा में रेल रोको आंदोलन चलाया. इसके तहत किसानों ने कई जगहों पर रेल पटरियों पर बैठकर प्रदर्शन किया और ट्रेनें रोकीं. कई जगहों पर पहले ही एहतियातन ट्रेनों को रोक दिया गया. वहीं, दिल्ली में दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर फ्लैग मार्च किया. पुलिस ने बताया कि दिल्ली में किसी भी रेलवे स्टेशन पर किसान नहीं हैं और यहां पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है.
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के रेल रोको आंदोलन के तहत किसानों के एक संगठन ने गुरुवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के लासुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही को बाधित किया. संयुक्त किसान मोर्चा के तहत विभिन्न किसान संगठन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
देशभर में छोटे-बड़े स्टेशनों पर रेल पटरियों को बाधित किए जाने के बीच सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को दावा किया कि यह आंदोलन केवल पंजाब और हरियाणा तक ही सीमित नहीं है. क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता भजन सिंह ने कहा कि सरकार लगातार यह कह रही है कि नए कृषि कानूनों का विरोध केवल दो राज्यों पंजाब एवं हरियाणा के किसान ही कर रहे हैं लेकिन रेल रोको प्रदर्शन ने सरकार को गलत साबित कर दिया है.
रेलवे ने कहा कि 'रेल रोको' प्रदर्शन के दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई, समूचे देश में ट्रेनों के परिचालन पर नगण्य या मामूली असर पड़ा. 'रेल रोको' प्रदर्शन के दौरान देश के सभी जोन में ट्रेनों की आवाजाही सामान्य रही, अधिकतर जोन से प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेनों को रोके जाने की कोई सूचना नहीं मिली.
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के 'रेल रोको' आह्वान के चलते उत्तर रेलवे जोन में गुरुवार को लगभग 25 ट्रेनों के परिचालन में परिवर्तन किया गया. उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने कहा, ''अब तक लगभग 25 ट्रेनों के परिचालन में बदलाव किया गया है. आंदोलन के चलते रेल सेवाओं पर न्यूनतम असर हुआ है.''
दिल्ली के नरेला रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को असमान स्थिति देखने को मिली जहां सैकड़ों की संख्या में पुलिस कर्मी और करीब 20 लोग प्लेटफार्म पर नजर आए. हालांकि कोई व्यक्ति किसी रेलगाड़ी का इंतजार नहीं कर रहा था. केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के 'रेल रोको प्रदर्शन' के तहत पंजाब एवं हरियाणा में जगह-जगह रेलगाड़ियों को रोका गया और दोपहर तक नरेला स्टेशन पर कोई रेलगाड़ी नहीं आयी थी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नरेला स्टेशन आने वाली ट्रेनों को हरियाणा के सोनीपत में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने रोक दिया.
केन्द्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के रेल रोको प्रदर्शन को गुरुवार को कर्नाटक में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली. बेंगलुरु में प्रदर्शन में कम लोगों ने हिस्सा लिया लेकिन रायचूर, बेलगावी और दावनगेरे में बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल हुए.
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी RPF के डीजी अरुण कुमार ने बताया, आंदोलन के मद्देनजर हमने GM के साथ आंतरिक बैठक की है. जनरल मैनेजर को कहा गया है कि लोकल स्तर पर राज्य सरकार और DM SP से संपर्क में रहें और इस बात पर नजर रखें कि कहां क्या स्थिति है.