नई दिल्ली:
प्रेस परिषद के अध्यक्ष जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने सोमवार को देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश और राष्ट्रीय प्रसारण मानक संघ के प्रमुख जस्टिस जेएस वर्मा से कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और इंडिया टुडे समूह के खिलाफ आरोपों की जांच करने और अपनी रिपोर्ट देने को कहा।
जस्टिस वर्मा को भेजे एक पत्र में जस्टिस काटजू ने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप मामले की गहन जांच करें और अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक करें ताकि जो भी निर्दोष हों उन्हें दोषमुक्त किया जाए और जो दोषी हों उनका पर्दाफाश किया जाए।
काटजू ने कहा कि प्रसारण मीडिया आम तौर पर अपनी खबरों की उचित जांच नहीं करता।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अपने आप में अकेला मामला नहीं है क्योंकि अकसर शिकायतें आती है कि ब्रेकिंग न्यूज देने की जल्दबाजी में मीडिया और खासतौर से प्रसारण मीडिया किसी की प्रतिष्ठा पर हमला करने से पहले उचित जांच नहीं करता।’’ खुर्शीद ने कल उनके और उनकी पत्नी लुइ के खिलाफ लगाए गए उनके ट्रस्ट द्वारा धन की अनियमितता संबंधी आरोपों से इनकार किया था।
पत्र में काटजू ने लिखा है कि इस मामले को ऊंचे ओहदे वाले व्यक्ति द्वारा देखा जाना चाहिए और सबके मन में जस्टिस वर्मा के लिए ‘‘बहुत इज्जत’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ वकील आज मेरे आवास पर मुझसे मिले और सुझाव दिया कि दोनो तरफ से चूंकि परस्पर विरोधी बातें कही जा रही हैं, इसलिए मुनासिब होगा कि कोई ऊंचे ओहदे वाला व्यक्ति इस मामले को देखे।’’ काटजू ने गीता को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘इस संदर्भ में मैं अध्याय दो के श्लोक 34 का उदाहरण देना चाहूंगा, जहां भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि आत्मसम्मान वाला व्यक्ति मृत्यु को अपमान से बेहतर मानता है।’’
जस्टिस वर्मा को भेजे एक पत्र में जस्टिस काटजू ने कहा, ‘‘मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप मामले की गहन जांच करें और अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक करें ताकि जो भी निर्दोष हों उन्हें दोषमुक्त किया जाए और जो दोषी हों उनका पर्दाफाश किया जाए।
काटजू ने कहा कि प्रसारण मीडिया आम तौर पर अपनी खबरों की उचित जांच नहीं करता।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अपने आप में अकेला मामला नहीं है क्योंकि अकसर शिकायतें आती है कि ब्रेकिंग न्यूज देने की जल्दबाजी में मीडिया और खासतौर से प्रसारण मीडिया किसी की प्रतिष्ठा पर हमला करने से पहले उचित जांच नहीं करता।’’ खुर्शीद ने कल उनके और उनकी पत्नी लुइ के खिलाफ लगाए गए उनके ट्रस्ट द्वारा धन की अनियमितता संबंधी आरोपों से इनकार किया था।
पत्र में काटजू ने लिखा है कि इस मामले को ऊंचे ओहदे वाले व्यक्ति द्वारा देखा जाना चाहिए और सबके मन में जस्टिस वर्मा के लिए ‘‘बहुत इज्जत’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ वकील आज मेरे आवास पर मुझसे मिले और सुझाव दिया कि दोनो तरफ से चूंकि परस्पर विरोधी बातें कही जा रही हैं, इसलिए मुनासिब होगा कि कोई ऊंचे ओहदे वाला व्यक्ति इस मामले को देखे।’’ काटजू ने गीता को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘इस संदर्भ में मैं अध्याय दो के श्लोक 34 का उदाहरण देना चाहूंगा, जहां भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि आत्मसम्मान वाला व्यक्ति मृत्यु को अपमान से बेहतर मानता है।’’
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