केरल में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस का एक भी नया पॉजिटिव मामला सामने नहीं आने के आलोक में राज्य सरकार ने इस संक्रमण के संदर्भ में हाल ही में जारी 'आपदा स्थिति' चेतावनी वापस ले ली. वैसे राज्य में अब भी 3000 से अधिक लोग चिकित्सकीय निगरानी में हैं. स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा ने कहा कि इस वायरस के मामूली लक्षण सामने आने के बाद 3014 लोग चिकित्सकीय निगरानी में हैं, 2953 लोगों को घर में अलग से रहने का निर्देश दिया गया है और 61 लोग अस्पताल में हैं. उन्होंने कहा, "फिर से भेजे गये अलाप्पुझा के पॉजिटिव मरीज के सैंपल का नतीजा हमें मिल गया है जिसे राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में भेजा गया था. नतीजा निगेटिव आया है."
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उन्होंने कहा, "सभी स्थितियों पर गौर करने के बाद सरकार ने राज्य आपदा अलर्ट वापस लेने का फैसला लिया है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपनी निगरानी घटा रहे हैं. 28 दिन के पृथक केंद्र में भेजना जारी रहेगा." उन्होंने कहा, "जो लोग प्रभावित क्षेत्रों से आये हैं उन्हें स्वास्थ्य अधिकारियों को रिपोर्ट करना ही होगा."राज्य सरकार ने तीन फरवरी को कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर राज्य आपदा की घोषणा कर दी थी क्योंकि तीसरा छात्र इस संक्रमण को लेकर पॉजिटिव पाया गया था. भारत में कोरोना वायरस के जो तीन पॉजिटिव मामले सामने आये थे वे सभी केरल के ही त्रिशूर, अलाप्पुझा और कसारगोड जिलों के थे और वे सभी केरल के ही विद्यार्थी थे. उनमें दो वुहान विश्वविद्यालय के मेडिकल छात्र हैं.
शैलजा ने शुक्रवार को कहा कि विभाग ने पहले उन लोगों की पहचान की थी जो इन तीनों के निकट संपर्क में आये लेकिन इन सभी के सैंपल निगेटिव पाए गए. उन्होंने कहा, "इन तीन पॉजिटिव मामलों समेत वुहान से लौटे 72 लोगों के नमूनों में 67 की रिपोर्ट निगेटिव आयी और दो और के नतीजे लंबित हैं. मंत्री ने कहा, "दिल्ली में पृथक शिविरों में जो केरलवासी ठहरे हुए हैं उनके परीक्षण परिणाम भी निगेटिव आये हैं."
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