नई दिल्ली : AAP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाते ही योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने अरविंद केजरीवाल गुट पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने एक घंटे लगातार उन पर और प्रशांत भूषण पर गंभीर आरोप लगाए। उनकी एक नहीं सुनी गई।
वहीं प्रशांत भूषण ने कहा कि अरविंद केजरवाल तानाशाह हैं और वह उनको तानाशाही करने से रोकने की कोशिश में असफल रहे।
योगेंद्र यादव ने कहा कि उनके खिलाफ प्रस्ताव पर गोपनीय मतदान नहीं हुआ। मीटिंग की कोई वीडियोग्राफी नहीं की गई। लोकपाल एडमिरल रामदास और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कई सदस्यों को मीटिंग में आने नहीं दिया गया।
इसके साथ उन्होंने आरोप लगाया कि गोपाल राय को असंवैधानिक तरीके से अध्यक्ष चुना गया और फर्जी मेंबरों से वोट डलवाए गए।
योगेंद्र का आरोप है कि उन्हें नीचा दिखाने के लिए एमएलए अपने समर्थक लेकर आये और उनके विरोध में नारे लगवाए गए। इतना ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बाउंसर थे और कुछ विधायकों ने शांति भूषण के साथ बदसलूकी की और एक अन्य सदस्य रमजान चौधरी के साथ मारपीट की।
इस बीच आप नेता मेधा पाटेकर ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया। हालांकि योंगेद्र यादव ने अभी यह साफ नहीं किया है कि वह अपने समर्थकों के साथ नई पार्टी बनाएंगे या आप में ही रहकर लड़ाई जारी रखेंगे।
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