श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को रद्द करने के फैसले का विरोध होने के बाद कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए कल से यह सेवा दोबारा शुरू करने का फैसला किया है. राज्य सरकार ने 9 राज्यों को पत्र लिखा है कि सरकार इस बात पर सहमत है कि वह अपने यहां फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को दोबारा उनके घर वापिस भेजना चाहती है. बता दें कि कर्नाटक सरकार ने कल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया था जिसके बाद से सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध किया जा रहा था. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि एक लाख प्रवासी मजदूर रह गए हैं और जो बचे हुए हैं उनको निर्माण कार्यों में लगना होगा. यहां तक कि बीजेपी के कई नेताओं ने राज्य की अर्थव्यवस्था को ठीक करने का तर्क देकर इस फैसले का समर्थन किया था. अब माना जा रहा है कि ट्रेन 8 मई से 15 मई के बीच चलाई जाएंगी.
बता दें कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राज्य सरकार पर मजदूरों को राज्य में जबरन रखने के लिए बीजेपी और येदियुरप्पा सरकार पर हमला बोला था, जिसके बाद राज्य सरकार ने अपना यह फैसला वापिस लिया है. कांग्रेस ने कहा था कि सरकार मजूदूरों को बंधुआ मजदूर नहीं बना सकती.
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि मजदूरों को तय करना है कि वे अपने लिए काम चुनते हैं या सेहत.अगर कुछ गलत होता है तो कौन इसके लिए जिम्मेदार होगा. क्या हम आज भी बंधुआ मजदूरी करा रहे हैं.