इंदौर-पटना एक्सप्रेस रविवार तड़के 3 बजे के करीब कानपुर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई
इंदौर:
कानपुर में दुर्घटना की शिकार हुई इंदौर-पटना एक्सप्रेस में सवार करीब 200 मुसाफिरों के नजदीकी रिश्तेदार अपने स्वजनों की कोई खोज-खबर नहीं मिलने से चिंतित होकर स्थानीय रेलवे स्टेशन पहुंचे और उनकी खरियत पता करने की कोशिश की.
शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की मदद से रेलवे स्टेशन पर स्थापित सहायता केंद्र संभाल रहे सामाजिक कार्यकर्ता अजय झा ने बताया, 'हमसे अब तक करीब 200 यात्रियों के बारे में जानकारी मांगी गई है, जो कानपुर देहात के पुखराया में दुर्घटनाग्रस्त हुई इंदौर-पटना एक्सप्रेस में सवार थे. हम रेलवे प्रशासन की मदद से इन यात्रियों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन यात्रियों के परिजन बेहद चिंतित हैं, जो इंदौर-पटना एक्सप्रेस में 'एस-1', 'एस-2' और 'एस-3' कोच में सवार थे. ये डिब्बे उन कोच में शामिल हैं, जो पटरी से उतरे और जिन्हें हादसे में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने बताया, 'हमें हादसे में हताहत यात्रियों की आधिकारिक सूची फिलहाल नहीं मिल सकी है. लेकिन जीआरपी अपने स्तर पर उन यात्रियों के बारे में पता कर रही है, जिनसे हादसे के बाद से संपर्क नहीं हो सका है.'
उन्होंने बताया कि जीआरपी अपनी विशेष बस से उन यात्रियों के रिश्तेदारों को भोपाल पहुंचाने का इंतजाम भी कर रही है, जिनका इंदौर-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से कोई अता-पता नहीं है. इन यात्रियों के ये रिश्तेदार अपने परिजनों की तलाश में भोपाल से ट्रेन के जरिये कानपुर देहात जिले रवाना होना चाहते हैं, जहां इंदौर-पटना एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की मदद से रेलवे स्टेशन पर स्थापित सहायता केंद्र संभाल रहे सामाजिक कार्यकर्ता अजय झा ने बताया, 'हमसे अब तक करीब 200 यात्रियों के बारे में जानकारी मांगी गई है, जो कानपुर देहात के पुखराया में दुर्घटनाग्रस्त हुई इंदौर-पटना एक्सप्रेस में सवार थे. हम रेलवे प्रशासन की मदद से इन यात्रियों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.' उन्होंने बताया कि उन यात्रियों के परिजन बेहद चिंतित हैं, जो इंदौर-पटना एक्सप्रेस में 'एस-1', 'एस-2' और 'एस-3' कोच में सवार थे. ये डिब्बे उन कोच में शामिल हैं, जो पटरी से उतरे और जिन्हें हादसे में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने बताया, 'हमें हादसे में हताहत यात्रियों की आधिकारिक सूची फिलहाल नहीं मिल सकी है. लेकिन जीआरपी अपने स्तर पर उन यात्रियों के बारे में पता कर रही है, जिनसे हादसे के बाद से संपर्क नहीं हो सका है.'
उन्होंने बताया कि जीआरपी अपनी विशेष बस से उन यात्रियों के रिश्तेदारों को भोपाल पहुंचाने का इंतजाम भी कर रही है, जिनका इंदौर-पटना एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से कोई अता-पता नहीं है. इन यात्रियों के ये रिश्तेदार अपने परिजनों की तलाश में भोपाल से ट्रेन के जरिये कानपुर देहात जिले रवाना होना चाहते हैं, जहां इंदौर-पटना एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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