
- सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव के तहत पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है.
- पहलगाम हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी. कानपुर के शुभम द्विवेदी भी शामिल थे, जिन्हें सबसे पहले गोली लगी थी.
- शुभम की पत्नी एशान्या ने कहा आतंकवाद अभी खत्म नहीं हुआ है, यह एक वैश्विक समस्या है जिसे समाप्त करना आवश्यक है.
पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकियों को सोमवार को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया. ऑपरेशन महादेव 97 दिनों बाद 28 जुलाई को दिनों के बाद सुरक्षाबलों को आतंकियों को ढेर करने में सफलता मिली. करीब दो दशक के बाद 22 अप्रैल को हुआ पहलगाम हमला एक ऐसी आतंकी घटना थी जिसमें मासूम नागरिकों को निशाना बनाया गया था. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें कानपुर के शुभम द्विवेदी भी शामिल हैं. शुभम वह पहले शख्स थे जिन्हें सबसे पहले गोली मारी गई थी. उनकी पत्नी एशान्या को आज भी वह मंजर नहीं भूलता है लेकिन इस ताजा घटनाक्रम ने उन्हें थोड़ी शांति और राहत जरूर दी है.
यह तो सिर्फ शुरुआत है
NDTV से बातचीत में एशान्या ने कहा, 'यह तो अभी शुरुआत है और आतंकवाद खत्म होकर रहेगा. ये सिर्फ एक या दो नहीं हैं बल्कि कैंसर की तरह पूरे देश और दुनिया में फैलते जा रहे हैं. इसे खत्म करने की सख्त जरूरत है और मुझे खुशी है कि हमने इसे शुरू किया है.'
'क्लोजर नहीं लेकिन राहत मिली'
एशान्या ने कहा कि उन्हें या इस हमले को झेलने वाले किसी भी शख्स को क्लोजर तो कभी नहीं मिल सकता लेकिन राहत जरूर मिली है. उन्होंने कहा, 'मुझे थोड़ी राहत मिली है कि शुरुआत हो चुकी है. दर्द तो नहीं जाएगा लेकिन कम से कम हमें और उन सभी को थोड़ी शांति मिलेगी जिन्होंने उस हमले में अपनों को खोया है. अब मैं थोड़ी शांति से सो सकूंगी कि जिन लोगों ने मेरे पति को मारा है, वो मारे गए हैं. जल्द ही उन लोगों को भी मौत के घाट उतारा जाएगा जो इस तरह के ऑपरेशंस चला रहे हैं या आतंकियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं. मुझे अपनी भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है.'
हर वक्त आता है उस दिन का ख्याल
एशान्या को आज भी वह मनहूस दिन नहीं भूलता है जब उनके सामने उनके पति को गोली मार दी गई. उनसे पूछा गया कि उस दिन आखिर क्या हुआ था तो उन्होंने इस बारे में बताया. एशान्या ने कहा, 'आतंकी ग्रुप्स में नहीं थे और अलग-अलग तरफ से और अलग-अलग एरिया से आए थे. शुभम को सबसे पहले गोली मारी गई थी और जिसने उन्हें मारा था, वह एंट्री गेट से दाखिल हुआ था. मुझे नहीं मालूम कि उन लोगों के पास इतने भारी हथियार कहां से आए क्योंकि वह ऐसी जगह है जहां पर आप आसानी से हथियार नहीं ले जा सकते हैं. लेकिन फिर भी हमला हो गया. मुझे एक भी दिन इसे सोचे बिना नींद ही नहीं आती और मैं आज भी सो नहीं पाती हूं.'
पूरे परिवार की जान था शुभम
एशान्या ने कहा है कि अभी इस दिशा में बहुत कुछ होना बाकी है. उन्होंने इस बात को जोर देकर कहा कि आतंकवाद को हर हाल में खत्म होना ही होगा और वो देश जो खुद भी इसके शिकार हैं, एक साथ आएं और इसे खत्म करें. एशान्या को कभी नहीं भूलता है कि उन्होंने शुभम के साथ 6 महीने 22 दिन बिताएं हैं. उन्होंने कहा, ' शुभम एक बेहद खूबसूरत इंसान था और सबको हंसाता रहत था. मैं उसके साथ हर दिन खुश रहती थी और वह पूरे परिवार की जान था.' शुभम और एशान्या की शादी इस साल फरवरी में ही हुई थी और दोनों अपना हनीमून मनाने के लिए कश्मीर गए थे.
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