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This Article is From Feb 22, 2011

2जी मामला : 21 सदस्यीय हो सकती है जेपीसी

नई दिल्ली: अन्नाद्रमुक और राकांपा जैसी छोटी पार्टियों की मांग के बावजूद सरकार 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के लिए गठित होने वाली संयुक्त संसदीय समिति में संभवत: 21 सदस्य ही रखने का प्रस्ताव करेगी। सूत्रों ने कहा कि अब तक 21 सदस्यीय जेपीसी के बारे में सोचा जा रहा है और इसमें उन्हीं दलों को शामिल किया जाएगा, जिनकी सदन में अच्छी संख्या है। अन्नाद्रमुक संसदीय दल के नेता एम थंबीदुरै ने लोकसभा में जोरदार ढंग से मांग उठाई कि जेपीसी में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का प्रतिनिधित्व होना चाहिए ताकि उन्हें उपेक्षा न महसूस हो। संप्रग के घटक राकांपा ने भी कांग्रेस से कहा है कि सत्ताधारी गठबंधन की सभी प्रमुख पार्टियों को जेपीसी में जगह मिलनी चाहिए। यदि जेपीसी में 21 सदस्य होते हैं तो 14 लोकसभा से और सात राज्यसभा से होंगे। ऐसे में 37 पार्टियों के प्रतिनिधित्व वाली संसद में से केवल सात से नौ दलों को ही जेपीसी में जगह मिल पाएगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीसी चाको ओर वी किशोर चंद्र देव के नाम जेपीसी अध्यक्ष के लिए चल रहे हैं लेकिन अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं किया गया है। राज्यसभा में भाजपा के उप नेता एसएस अहलूवालिया और माकपा पोलितब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी के नाम भी उछल रहे हैं। कांग्रेस, भाजपा, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, जनता दल (यू) और द्रमुक जैसी पार्टियों को उनकी संख्या के लिहाज से जेपीसी में जगह मिलना तय है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद के दोनों सदनों में ऐलान किया कि उनकी सरकार ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जेपीसी जांच कराने का फैसला किया है। दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल इस संबंध में औपचारिक प्रस्ताव 24 फरवरी को लोकसभा में पेश करेंगे।

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