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This Article is From Feb 20, 2015

जीतन राम मांझी बोले, मुझे और मेरे विधायकों को था जान का खतरा

पटना : बिहार में कई दिनों से जारी सियासी ड्रामे के बीच जीतन राम मांझी ने विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही राज्यपाल को इस्तीफा दे दिया है।  राज्यपाल ने मांझी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जीतन राम मांझी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए आज भी उन्हें 140 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया। मांझी ने आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने गैर-संवैधानिक और स्वेच्छाचारी आचरण किया। मेरे मंत्रियों तथा विधायकों को विश्वास मत से पहले जान से मार डालने की धमकी दी गई। नीतीश कुमार खेमे की तरफ से विधायकों की खरीद-फरोख्त की गई, उन्हें मंत्री पद देने और इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने का प्रलोभन दिया गया।

यह हमारी नैतिक जीत है और जनता इसका फैसला करेगी। आगे की रणनीति तय करने के लिए आगामी 28 फरवरी को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में कार्यकर्ताओं का सम्मेलन बुलाया गया है और आम राय बनने पर अलग पार्टी का गठन किया जाएगा।

वहीं नीतीश कुमार ने कहा, बिहार का गेम प्लान एक्सपोज हो गया। जोड़तोड़ की कोशिश की गई, सफलता नहीं मिली तो इस प्रकार का फैसला सुनने में आ रहा है।

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मांझी को पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। बीजेपी के चक्कर में पड़कर उन्होंने अपना भविष्य गंवाया।

इससे पूर्व बीजेपी के समर्थन के ऐलान के बावजूद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी मझधार में दिख रहे थे। उनके पास बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा जुटता नहीं दिख रहा था। दरअसल, बिहार में आज से ही बजट का सत्र शुरू हो रहा है। राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी के अभिभाषण के बाद मांझी को बहुमत साबित करना था, लेकिन संख्याबल नहीं होने की वजह से उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

नीतीश कुमार आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई के 128 विधायकों के साथ सरकार बनाने के लिए पूरी तरह हैं। इससे साफ है कि अब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

इससे पूर्व बीजेपी और जेडीयू दोनों ने ही अपने-अपने विधायकों को व्हिप जारी कर विधानसभा में उपस्थित रहने को कहा था। इस बीच मुख्य विपक्षी दल का दर्जा पा चुकी जेडीयू ने राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया था।

बिहार विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले जेडीयू ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था और राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही कहा था कि बीजेपी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की कोशिश कर रही है।

जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि बीजेपी पहले पर्दे के पीछे से काम कर रही थी, लेकिन अब पर्दा हट गया है। इतना ही नहीं शरद यादव ने बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर पक्षपात करने और बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया।

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