
शशिकला ने दिनाकरन को पार्टी उप-प्रमुख बनाया है, लेकिन सर्वोच्च पद अपने ही पास रखा है
ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) की महासचिव शशिकला चार साल की सज़ा भुगतने के लिए जेल भले ही चली गई हैं, लेकिन वहां जाने से पहले उन्होंने ऐसा कुछ किया, ताकि पार्टी पर उनका नियंत्रण बने रहना सुनिश्चित हो सके. वर्ष 2011 में पार्टी की सर्वेसर्वा भूतपूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने शशिकला के जिन दो भतीजों को निष्कासित कर दिया था, शशिकला उन्हें न सिर्फ पार्टी में वापस ले आईं, बल्कि उनमें से टीटीवी दिनाकरन को पार्टी में नंबर दो की हैसियत से स्थापित करते हुए उप-महासचिव बनाकर रेशमी शॉल भेंट कर दिए. इस समय शशिकला स्वयं पार्टी के सबसे शक्तिशाली महासचिव पद पर हैं.
वीडियो कैसेट विक्रेता रहीं, और कभी-कभार एआईएडीएमके के लिए प्रचार फिल्में बनाने वाली शशिकला की ब्लॉकबस्टर अभिनेत्री से राजनेता बनीं जयललिता से मुलाकात 80 के दशक में हुई थी. वैसे उनकी मैत्री के रास्ते में समय-समय पर भ्रष्टाचार के मामलों के अड़ंगे आए, और कभी-कभी तो मैत्री में 'ब्रेक' भी लगा, लेकिन दोनों हमेशा एक-दूसरे के पास लौट आए. जयललिता हमेशा शशिकला को वह महिला बताती थीं, जो न सिर्फ उनका घर चलाती हैं, बल्कि तमिलनाडु के पुरुष-प्रधान राजनैतिक परिदृश्य में उन्हें भावनात्मक सहारा भी प्रदान करती हैं.
दरअसल, वर्ष 2011 के अंत में जयललिता ने पार्टी के विरुद्ध षडयंत्र रचने के आरोप में शशिकला, उनके पति तथा 12 अन्य संबंधियों को निष्कासित कर दिया था. जयललिता और शशिकला के सार्वजनिक रूप से इस तरह अलग होने के पीछे की बहुत बड़ी वजह यह बताई गई थी कि शशिकला और उनके परिवार के सदस्य प्रशासनिक निर्णयों तथा नियुक्तियों में भी दखल देने की कोशिश करते थे. चेन्नई के पोएस गार्डन स्थित जयललिता के आवास से भी शशिकला को जाने के लिए कह दिया गया था, और कुछ महीने बाद वहां वापस आने के लिए शशिकला को वचन देना पड़ा कि वह अपने अपने पति तथा दिनाकरन सहित अपने परिवार के किसी भी पुरुष सदस्य से कोई संपर्क नहीं रखेंगी.
चेन्नई के बाहर स्थित एक रिसॉर्ट, जो एआईएडीएमके के दो धड़ों में बंट जाने के बाद से पार्टी का 'गढ़' बन गया है, में दिनाकरन का शानदार स्वागत किया गया. अब पार्टी के अधिकतर सदस्य, जो शशिकला के साथ हैं, ने उनके वफादार ई. पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री के रूप में चुना. दूसरी ओर लगभग 11 विधायकों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के साथ वफादारी जताई है, जिनका कहना था कि वह अपने पद का त्याग नहीं करना चाहते, और इसीलिए शशिकला ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया था.
पन्नीरसेल्वम के साथ जाने से रोकने के लिए इसी रिसॉर्ट में पिछले छह दिन से ठहराए गए विधायकों ने ढेर शॉल ओढ़ाकर दिनाकरन का स्वागत किया. स्थानीय टीवी चैनलों से बात करते हुए दिनाकरन ने कहा कि जब भी यह सुनिश्चित हो जाएगा कि पलानीस्वामी को विश्वासमत हासिल हो जाएगा, विधायक इस होटल से लौट जाएंगे.
वैसे, जयललिता और शशिकला के परिवार के बीच काफी 'गहरा' रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को '90 के दशक में जयललिता के पहले मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान उनके साथ मिलकर भ्रष्टाचार के ज़रिये बहुत-सी संपत्ति अर्जित करने का दोषी करार दिया है. इस मामले में शशिकला की भाभी इलावारसी तथा भतीजे टीटीवी सुधाकरन को भी दोषी करार दिया गया है, और तीनों को चार साल कैद की सज़ा सुनाई है.
वर्ष 1995 में सुधाकरन की शादी के अवसर पर किया गया बेहिसाब खर्च - हज़ारों मेहमान, सैकड़ों हाथी और खानसामे, साड़ियां और जेवरात - जयललिता के लिए मुसीबत की वजह बना था, क्योंकि सुधाकरन को उन्होंने दत्तक पुत्र के रूप में गोद लिया था. बहुत बड़े स्तर पर किए गए इन खर्चों की वजह से राज्यभर में विरोध शुरू हो गए, और कोर्ट में केस दर्ज कर दिए गए, जिनमें आरोप लगाया गया कि जयललिता ने मुख्यमंत्री के पद का दुरुपयोग किया. शशिकला के साथ बिल्कुल एक जैसी रेशमी साड़ी में खींची गई जयललिता की तस्वीर काफी मशहूर भी हुई, जिसमें उन्होंने ढेरों सोने के जेवर भी पहने हुए थे, और दोनों ने एक जैसे कमरबंद भी पहने हुए थे. एक साल बाद जयललिता ने सुधाकरन से नाता तोड़ लिया, लेकिन उसी वक्त जनता ने भी उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया.
अब पार्टी के उपप्रमुख बनाए गए दिनाकरन इन्हीं सुधाकरन के भाई हैं. जयललिता की मृत्यु के दो महीने बाद हो रही उनकी वापसी को जायज़ ठहराते हुए शशिकला ने कहा कि दिनाकरन ने 'लिखित में भी और व्यक्तिगत रूप से भी माफी मांग ली थी...' वैसे, पार्टी मे वापस लाए गए शशिकला के एक और भतीजे डॉ एस. वेंकटेश हैं.
लगभग 10 दिन पहले जब पार्टी ने साफ किया कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम का स्थान लेने के लिए शशिकला को चुना गया है, तब जनता में भड़के गुस्से की वजह शशिकला का परिवार ही रहा, जिसे उनके गृहनगर के नाम से जोड़कर 'मन्नारगुडी माफिया' कहा जाता है. इस बीच, ऑनलाइन दुनिया में भी शशिकला के खिलाफ #SasiakalaNotMyCM जैसे अभियान चलने लगे.
चूंकि पन्नीरसेल्वम ने पद छोड़ने से इंकार कर दिया है, इसलिए शशिकला ने अपने वफादार तथा मौजूदा समय में तमिलनाडु के मंत्री ई. पलानीस्वामी को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद दावेदार घोषित कर दिया है, और उन्हें गवर्नर सी. विद्यासागर राव ने भी उन्हें सरकार गठित कर 15 दिन में विश्वासमत हासिल करने के लिए कहा है.
वीडियो कैसेट विक्रेता रहीं, और कभी-कभार एआईएडीएमके के लिए प्रचार फिल्में बनाने वाली शशिकला की ब्लॉकबस्टर अभिनेत्री से राजनेता बनीं जयललिता से मुलाकात 80 के दशक में हुई थी. वैसे उनकी मैत्री के रास्ते में समय-समय पर भ्रष्टाचार के मामलों के अड़ंगे आए, और कभी-कभी तो मैत्री में 'ब्रेक' भी लगा, लेकिन दोनों हमेशा एक-दूसरे के पास लौट आए. जयललिता हमेशा शशिकला को वह महिला बताती थीं, जो न सिर्फ उनका घर चलाती हैं, बल्कि तमिलनाडु के पुरुष-प्रधान राजनैतिक परिदृश्य में उन्हें भावनात्मक सहारा भी प्रदान करती हैं.
दरअसल, वर्ष 2011 के अंत में जयललिता ने पार्टी के विरुद्ध षडयंत्र रचने के आरोप में शशिकला, उनके पति तथा 12 अन्य संबंधियों को निष्कासित कर दिया था. जयललिता और शशिकला के सार्वजनिक रूप से इस तरह अलग होने के पीछे की बहुत बड़ी वजह यह बताई गई थी कि शशिकला और उनके परिवार के सदस्य प्रशासनिक निर्णयों तथा नियुक्तियों में भी दखल देने की कोशिश करते थे. चेन्नई के पोएस गार्डन स्थित जयललिता के आवास से भी शशिकला को जाने के लिए कह दिया गया था, और कुछ महीने बाद वहां वापस आने के लिए शशिकला को वचन देना पड़ा कि वह अपने अपने पति तथा दिनाकरन सहित अपने परिवार के किसी भी पुरुष सदस्य से कोई संपर्क नहीं रखेंगी.
चेन्नई के बाहर स्थित एक रिसॉर्ट, जो एआईएडीएमके के दो धड़ों में बंट जाने के बाद से पार्टी का 'गढ़' बन गया है, में दिनाकरन का शानदार स्वागत किया गया. अब पार्टी के अधिकतर सदस्य, जो शशिकला के साथ हैं, ने उनके वफादार ई. पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री के रूप में चुना. दूसरी ओर लगभग 11 विधायकों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के साथ वफादारी जताई है, जिनका कहना था कि वह अपने पद का त्याग नहीं करना चाहते, और इसीलिए शशिकला ने उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया था.
पन्नीरसेल्वम के साथ जाने से रोकने के लिए इसी रिसॉर्ट में पिछले छह दिन से ठहराए गए विधायकों ने ढेर शॉल ओढ़ाकर दिनाकरन का स्वागत किया. स्थानीय टीवी चैनलों से बात करते हुए दिनाकरन ने कहा कि जब भी यह सुनिश्चित हो जाएगा कि पलानीस्वामी को विश्वासमत हासिल हो जाएगा, विधायक इस होटल से लौट जाएंगे.
वैसे, जयललिता और शशिकला के परिवार के बीच काफी 'गहरा' रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को '90 के दशक में जयललिता के पहले मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान उनके साथ मिलकर भ्रष्टाचार के ज़रिये बहुत-सी संपत्ति अर्जित करने का दोषी करार दिया है. इस मामले में शशिकला की भाभी इलावारसी तथा भतीजे टीटीवी सुधाकरन को भी दोषी करार दिया गया है, और तीनों को चार साल कैद की सज़ा सुनाई है.
वर्ष 1995 में सुधाकरन की शादी के अवसर पर किया गया बेहिसाब खर्च - हज़ारों मेहमान, सैकड़ों हाथी और खानसामे, साड़ियां और जेवरात - जयललिता के लिए मुसीबत की वजह बना था, क्योंकि सुधाकरन को उन्होंने दत्तक पुत्र के रूप में गोद लिया था. बहुत बड़े स्तर पर किए गए इन खर्चों की वजह से राज्यभर में विरोध शुरू हो गए, और कोर्ट में केस दर्ज कर दिए गए, जिनमें आरोप लगाया गया कि जयललिता ने मुख्यमंत्री के पद का दुरुपयोग किया. शशिकला के साथ बिल्कुल एक जैसी रेशमी साड़ी में खींची गई जयललिता की तस्वीर काफी मशहूर भी हुई, जिसमें उन्होंने ढेरों सोने के जेवर भी पहने हुए थे, और दोनों ने एक जैसे कमरबंद भी पहने हुए थे. एक साल बाद जयललिता ने सुधाकरन से नाता तोड़ लिया, लेकिन उसी वक्त जनता ने भी उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया.
अब पार्टी के उपप्रमुख बनाए गए दिनाकरन इन्हीं सुधाकरन के भाई हैं. जयललिता की मृत्यु के दो महीने बाद हो रही उनकी वापसी को जायज़ ठहराते हुए शशिकला ने कहा कि दिनाकरन ने 'लिखित में भी और व्यक्तिगत रूप से भी माफी मांग ली थी...' वैसे, पार्टी मे वापस लाए गए शशिकला के एक और भतीजे डॉ एस. वेंकटेश हैं.
लगभग 10 दिन पहले जब पार्टी ने साफ किया कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम का स्थान लेने के लिए शशिकला को चुना गया है, तब जनता में भड़के गुस्से की वजह शशिकला का परिवार ही रहा, जिसे उनके गृहनगर के नाम से जोड़कर 'मन्नारगुडी माफिया' कहा जाता है. इस बीच, ऑनलाइन दुनिया में भी शशिकला के खिलाफ #SasiakalaNotMyCM जैसे अभियान चलने लगे.
चूंकि पन्नीरसेल्वम ने पद छोड़ने से इंकार कर दिया है, इसलिए शशिकला ने अपने वफादार तथा मौजूदा समय में तमिलनाडु के मंत्री ई. पलानीस्वामी को पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद दावेदार घोषित कर दिया है, और उन्हें गवर्नर सी. विद्यासागर राव ने भी उन्हें सरकार गठित कर 15 दिन में विश्वासमत हासिल करने के लिए कहा है.
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