इस साल बहादुरी के सबसे ज्यादा पुरस्कार जम्मू-कश्मीर पुलिस को मिले हैं (प्रतीकात्मक फोटो).
नई दिल्ली:
इस साल बहादुरी के कई किस्से सुनने को मिले जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2017 के मेडलों की लिस्ट घोषित की. खास बात यह है कि इस बार बहादुरी के अधिकांश पुरस्कार पुलिस के छोटे अफसरों ने हासिल किए हैं. शौर्य पुरस्कार पाने वालों में पहले नंबर पर जम्मू-कश्मीर के जवान हैं.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर नाजिर अहमद कूचे अपने किस्म के अकेले अफसर हैं जिन्हें 2017 में एक नहीं बल्कि दो गेलेंटरी अवार्ड मिले. मंत्रालय के मुताबिक इस साल सबसे ज्यादा गेलेंटरी अवार्ड जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को मिले हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "इस साल सौ जवानों को गेलेंटरी मेडल मिले हैं इसमें से 78 राज्य पुलिस के जवानों को और 22 पेरामिलिट्री के जवानों को मिले हैं. राज्यों में सबसे ऊपर जम्मू-कश्मीर पुलिस है. उसे 32 मेडल मिले हैं." आंध्र प्रदेश को 12 मेडल मिले और झारखंड को नौ मिले. उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ को सात-सात मेडल मिले और दिल्ली को तीन मेडल मिले हैं.
वैसे इस साल 55 मामलों में 137 अनुशंसाएं मंत्रालय को मिलीं जिसमें से मंत्रालय ने सौ पुलिस मेडल फॉर गेलेंटरी दिए. हालांकि इस साल प्रेसीडेंट पुलिस मेडल फॉर गेलेंटरी किसी को नहीं मिला. मणिपुर पुलिस के इंस्पेक्टर संजोय कुमार को इस बार आठवां गेलेंटरी मेडल मिला. है.
मंत्रालय के मुताबिक इस बार ध्यान इस बात का रखा गया कि ज्यादा मेडल निचले तबके के अफसरों को दिए जाएं. इस साल 55 मेडल कांस्टेबल, 25 एडिशनल सब इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर स्तर के अफसरों को दिए गए हैं.
मेरीटोरियस अवार्ड में भी यही सिलसिला देखने को मिला. इस साल मंत्रालय ने 597 मेरीटोरियस मेडल दिए गए हैं. इसमें से 375, यानी करीब 63 फीसदी उन्हें दिए गए जिनकी भर्ती कांस्टेबल स्तर पर हुई थी. सिर्फ 15 मेरीटोरियस मेडल आईपीएस अफसरों को मिले हैं, यानी सिर्फ 2.5 फीसदी.
इस साल 80 प्रेसीडेंट पुलिस मेडल फॉर डिस्टिंगिस्ड सर्विसेज के लिए दिए जाएंगे. इनमें से भी 20, यानी 25 फीसदी कांस्टेबलों को दिए जाएंगे.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर नाजिर अहमद कूचे अपने किस्म के अकेले अफसर हैं जिन्हें 2017 में एक नहीं बल्कि दो गेलेंटरी अवार्ड मिले. मंत्रालय के मुताबिक इस साल सबसे ज्यादा गेलेंटरी अवार्ड जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को मिले हैं.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि "इस साल सौ जवानों को गेलेंटरी मेडल मिले हैं इसमें से 78 राज्य पुलिस के जवानों को और 22 पेरामिलिट्री के जवानों को मिले हैं. राज्यों में सबसे ऊपर जम्मू-कश्मीर पुलिस है. उसे 32 मेडल मिले हैं." आंध्र प्रदेश को 12 मेडल मिले और झारखंड को नौ मिले. उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ को सात-सात मेडल मिले और दिल्ली को तीन मेडल मिले हैं.
वैसे इस साल 55 मामलों में 137 अनुशंसाएं मंत्रालय को मिलीं जिसमें से मंत्रालय ने सौ पुलिस मेडल फॉर गेलेंटरी दिए. हालांकि इस साल प्रेसीडेंट पुलिस मेडल फॉर गेलेंटरी किसी को नहीं मिला. मणिपुर पुलिस के इंस्पेक्टर संजोय कुमार को इस बार आठवां गेलेंटरी मेडल मिला. है.
मंत्रालय के मुताबिक इस बार ध्यान इस बात का रखा गया कि ज्यादा मेडल निचले तबके के अफसरों को दिए जाएं. इस साल 55 मेडल कांस्टेबल, 25 एडिशनल सब इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर स्तर के अफसरों को दिए गए हैं.
मेरीटोरियस अवार्ड में भी यही सिलसिला देखने को मिला. इस साल मंत्रालय ने 597 मेरीटोरियस मेडल दिए गए हैं. इसमें से 375, यानी करीब 63 फीसदी उन्हें दिए गए जिनकी भर्ती कांस्टेबल स्तर पर हुई थी. सिर्फ 15 मेरीटोरियस मेडल आईपीएस अफसरों को मिले हैं, यानी सिर्फ 2.5 फीसदी.
इस साल 80 प्रेसीडेंट पुलिस मेडल फॉर डिस्टिंगिस्ड सर्विसेज के लिए दिए जाएंगे. इनमें से भी 20, यानी 25 फीसदी कांस्टेबलों को दिए जाएंगे.
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