जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए एक संकल्प पारित किया.
जम्मू:
जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने घाटी में कश्मीरी पंडितों और अन्य प्रवासियों की वापसी के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए गुरुवार को सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित किया.
उधर, घाटी में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के 27 साल होने पर बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने कश्मीरी पंडितों के लिए एक कविता शेयर की है. 'फैलेगा हमारा मौन' नामक एक शीर्षक से इस कविता में खेर ने पंडितों के दर्द को बयां किया है. इस वीडियो मैसेज का निर्देशन फिल्ममेकर अशोक पंडित ने किया है.
अनुपम खेर द्वारा यू-ट्यूब पर पोस्ट किया गया वीडियो...
उधर, सुबह में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दलगत राजनीति से उपर उठकर विधानसभा को कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए एक संकल्प पारित करना चाहिए.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि 27 साल पहले कश्मीर में 'दुर्भाग्यपूर्ण' परिस्थितियों ने कश्मीरी पंडित समुदाय, सिख समुदाय और कुछ मुसलमानों को पलायन करने के लिए मजबूर किया था.
उमर ने कहा, 'उन्हें (कश्मीरी पंडितों, कुछ सिखों और मुसलमानों को) घाटी छोड़े हुए आज 27 वर्ष हो गए हैं और हमें राजनीति से उपर उठकर उनकी वापसी के लिए सदन में एक संकल्प पारित करना चाहिए'. प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद, संसदीय मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने संकल्प को सदन में लाए जाने की मंजूरी दी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उधर, घाटी में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के 27 साल होने पर बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने कश्मीरी पंडितों के लिए एक कविता शेयर की है. 'फैलेगा हमारा मौन' नामक एक शीर्षक से इस कविता में खेर ने पंडितों के दर्द को बयां किया है. इस वीडियो मैसेज का निर्देशन फिल्ममेकर अशोक पंडित ने किया है.
अनुपम खेर द्वारा यू-ट्यूब पर पोस्ट किया गया वीडियो...
उधर, सुबह में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दलगत राजनीति से उपर उठकर विधानसभा को कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए एक संकल्प पारित करना चाहिए.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि 27 साल पहले कश्मीर में 'दुर्भाग्यपूर्ण' परिस्थितियों ने कश्मीरी पंडित समुदाय, सिख समुदाय और कुछ मुसलमानों को पलायन करने के लिए मजबूर किया था.
उमर ने कहा, 'उन्हें (कश्मीरी पंडितों, कुछ सिखों और मुसलमानों को) घाटी छोड़े हुए आज 27 वर्ष हो गए हैं और हमें राजनीति से उपर उठकर उनकी वापसी के लिए सदन में एक संकल्प पारित करना चाहिए'. प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद, संसदीय मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने संकल्प को सदन में लाए जाने की मंजूरी दी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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