खास बातें
- राजस्थान एटीएस बचे हुए लोगों की धरपकड़ में जुटी
- नंदलाल का पाकिस्तान में टैक्सटाइल का कारोबार
- ज्यादा पैसा कमाने के लिए जासूसी का रास्ता चुना
नई दिल्ली: राजस्थान के जैसलमेर में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस नंदलाल गर्ग से खुफिया एजेंसियां दहशतगर्दी फैलाने की साजिश की जानकारियां उगलवाने में जुटी हैं. सूत्रों से पता चला है कि नंदलाल उर्फ नंदू महाराज की गिरफ्तारी के दौरान पड़ी रेड से पहले उसके सात मददगार भाग गए थे. हालांकि इनमें से दो को राजस्थान एटीएस ने धर दबोचा है. राजस्थान एटीएस बचे हुए लोगों की धरपकड़ में लगी हुई है.
वीजा लेकर भारत आए नंदलाल को 17 अगस्त को ही पकड़ लिया गया था. नंदलाल सीमावर्ती इलाकों में जाकर पाकिस्तान में अपने आकाओं से बातचीत करता था. उसकी ऐसी ही एक बातचीत खुफिया एजेंसी रॉ की जानकारी में आ गई थी. पूछताछ के दौरान उसने बताया है कि पाकिस्तान में उसका टैक्सटाइल का कारोबार है और उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीकठाक है. इसके बावजूद उसने और ज्यादा पैसों के लिए जासूसी का रास्ता चुना. नंदलाल की डायरी में पाकिस्तानी आईएसआई से उसको हुए भुगतान के बारे में लिखा गया है. आईएसआई एक असाइनमेंट के लिए उसको 50 से 60 हजार रुपये देती थी.
नंदलाल के पास से दो सेल्युलर फोन, सैन्य ठिकानों के नक्शे, सिम कार्ड्स और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं. फिलहाल इस जासूस से कई केंद्रीय एजेंसियां साझा पूछताछ कर रही हैं. देश में उसकी संदिग्ध गतिविधियां कुछ समय से खुफिया एजेंसियों की नजर में थीं. नंदलाल ने देश में 35 किलो आरडीएक्स पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने की बात स्वीकार की है. अब पुलिस की कोशिश यह पता लगाने की है कि यह विस्फोटक फिलहाल कहां है और किन शहरों में धमाकों के लिए लाया गया था.