
सीबीआई ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि आईएनएक्स मीडिया (INX Media Case) भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) का एक सह-आरोपी से आमना सामना कराया गया है और उनके ई-मेल के आदान-प्रदान से जांच के दौरान सबूत मिले हैं. सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ से कहा कि चिदंबरम का सह-आरोपियों में से एक से आमना सामना कराया गया है. उनका कुछ अन्य आरोपियों से भी आमना सामना कराना है. इसके साथ ही आईएनएक्स मीडिया प्रा. लि. के लेनदेन से जुड़ी कुछ फाइलें भी दिखानी है. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने सह-आरोपी के नाम का खुलासा नहीं किया. लेकिन बाद में अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सह-आरोपी नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर हैं.
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मेहता ने चिदंबरम को 50 लाख डॉलर और 45 लाख अमेरिकी डॉलर के कथित भुगतान का भी जिक्र किया और कहा कि पांच देशों - ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड, बरमूडा, मॉरीशस और सिंगापुर को अनुरोध पत्र (एलआर) भेजे गए हैं. ये एलआर कुछ न्यायिक सहायता के लिए एक अदालत से किसी विदेशी अदालत को भेजा गया औपचारिक अनुरोध होता है. चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआई की हिरासत बढ़ाने की याचिका का विरोध किया और कहा कि आरोपियों को कथित भुगतान किये जाने के समर्थन में कोई दस्तावेज नहीं है.
सिब्बल ने कहा कि एजेंसी ने किसी अन्य सह-आरोपी के नाम का खुलासा नहीं किया है, जिसका वह सामना करा चुकी है और जिनसे आगे सामना कराना है. मेहता ने अदालत में इंद्राणी मुखर्जी के बयान का भी जिक्र किया जो सह-आरोपी हैं और हाल ही में मामले में सरकारी गवाह बन गयी हैं. इससे पहले मेहता और अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल के.एन. नटराजन ने सीबीआई की ओर से दलीलें दीं. उन्होंने कहा कि पूछताछ के लिए चिदंबरम की हिरासत की अवधि बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार हैं.
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उन्होंने कहा कि चिदंबरम से 23 से 26 अगस्त तक पूछताछ की गई और एक सह-आरोपी से उनका आमना-सामना कराया गया है, लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया है. मेहता ने दलील दी, ‘‘हमें चिदंबरम को और पांच दिनों तक हिरासत में रखने की जरूरत है क्योंकि सह-आरोपी से आमने-सामने करा कर बड़ी साजिश का खुलासा करने की कार्यवाही जारी रहेगी.'' उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच एक साथ चल रही है और सीबीआई को इसकी जानकारी मिली है.
मेहता ने कहा कि ईडी ने धनशोधन के मामले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दाखिल किया है और उसने सीबीआई के साथ सबूत को साझा किया है इसलिए और पूछताछ की जरूरत है. चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मेहता की दलीलों का विरोध किया. चिदंबरम से दो मिनट बात करने के बाद सिब्बल ने कहा कि पिछले रिमांड आवेदन में 50 लाख अमेरिकी डॉलर का उल्लेख था और इन चार दिनों के दौरान एक भी दस्तावेज उनके समक्ष नहीं रखा गया.
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उन्होंने दावा किया कि ई-मेल से संबंधित सवाल पहले ही पूछे जा चुके हैं और चिदंबरम ने इन सवालों के जवाब दे दिये हैं. उन्होंने कहा, ‘‘26 घंटे की पूछताछ हुई है. फिर भी इन सभी मुद्दों पर कुछ नहीं पूछा गया.'' सिब्बल ने कहा कि वह चाहते हैं कि सीबीआई अदालत के समक्ष सही तथ्यों को रखे. चिदंबरम (73) को सीबीआई ने जोरबाग स्थित उनके आवास से 21 अगस्त की रात गिरफ्तार किया था.
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