International Day of Democracy: अनुशासन और शालीनता के उच्चतम प्रतिमान बनाएं जनप्रतिनिधि : ओम बिरला

बिरला ने कहा कि विधानमंडलों की विशेषता सदस्यों की भूमिका और आचरण से जुड़ी होती है. जनप्रतिनिधि सदन के भीतर और बाहर अनुशासनशीलता के उच्चतम मानदंडों का पालन करें. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से विधानमंडलों में जनप्रतिनिधियों के अशोभनीय व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही हैं.

International Day of Democracy:  अनुशासन और शालीनता के उच्चतम प्रतिमान बनाएं जनप्रतिनिधि : ओम बिरला

स्पीकर बिरला ने कहा कि आज का दिन लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था और प्रगाढ़ बनाने की प्रेरणा देता है.

नई दिल्ली:

पूरे विश्व में आज अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस (International Day of Democracy) मनाया जा रहा है. इस मौके पर 81वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि सर्वोच्च जनतांत्रिक संस्था होने के नाते हम देश की अन्य संस्थाओं के लिए आदर्श हैं. उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से अपने कार्यों में अनुशासन और शालीनता के उच्चतम प्रतिमानों को बनाए रखने का आह्वान किया. लोकसभा अध्यक्ष  की अध्यक्षता में यह सम्मेलन वर्चुअली आयोजित हो रहा है.

बिरला ने कहा कि विधानमंडलों की विशेषता सदस्यों की भूमिका और आचरण से जुड़ी होती है. जनप्रतिनिधि सदन के भीतर और बाहर अनुशासनशीलता के उच्चतम मानदंडों का पालन करें. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से विधानमंडलों में जनप्रतिनिधियों के अशोभनीय व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही हैं. बिरला ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से विधानमंडलों और लोकतांत्रिक संस्थाओं की छवि धूमिल हुई हैं.

उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि सदस्यों के सामूहिक और व्यक्तिगत आचरण को लेकर मापदंड बनाएं. उन्होंने कहा कि जरूरत है कि पीठासीन अधिकारी सामूहिक रूप से इसकी कार्ययोजना पर कार्य करें. बिरला ने कहा कि इस बात पर ध्यान देना होगा कि लोकतांत्रिक संस्था संविधान की भावना के अनुरूप कार्य करें. बिरला ने कहा कि सम्मेलन के 100 वर्षों का इतिहास गौरवशाली रहा है. इन वर्षों में ही हमने आजादी भी पाई, लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित संविधान को अपनाया और विचारों-अनुभवों से लोकतंत्र को सशक्त बनाया.

गुयाना की संसद के अध्यक्ष मंजूर नादिर ने भी सम्मेलन को संबोधित किया. इसल दौरान उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को नमन किया और कहा कि इस कार्यक्रम में सम्मिलित होना गौरव की बात है. उन्होंने भी कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि नागरिकों की भावनाओं के अनुरूप कार्य करें. उन्होंने कहा कि हम भारत जैसे कार्यशील लोकतंत्र से बहुत कुछ सीख सकते हैं. बता दें कि गुआना में पिछले दिनों लोकतंत्र के सामने गंभीर चुनौती उत्पन्न हुई थी.
मार्च में हुए चुनावों के परिणाम अगस्त में जाकर घोषित हुए थे.

इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा है कि भारत में अनंत काल से लोकतांत्रिक मूल्यों का संपोषण होता आया है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सिर्फ एक विचार नहीं, बाल्कि हमारी चेतना में अंतर्निहित भाव है. उन्होंने इस पर गर्व जाहिर किया कि भारत दुनिया का सबसे कार्यशील लोकतंत्र है. स्पीकर बिरला ने कहा कि आज का दिन लोकतांत्रिक व्यवस्था में आस्था और प्रगाढ़ बनाने की प्रेरणा देता है. 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट कर सम्मेलन के योगदान का भी उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि 1921 में आज ही के दिन पहला पीठासीन अधिकारी सम्मेलन हुआ था. उन्होंने कहा कि बीते सौ वर्षों में इस सम्मेलन का लोकतंत्र के सशक्तिकरण में अहम योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि विधायिका के कार्यकरण में सुधार तथा सदन की कार्यवाही को अनुशासित करने में सम्मेलन की अहम भूमिका रही है.

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