आईएनएस विराट भारतीय नौसेना की 30 साल की सेवा के बाद 6 मार्च को हो जाएगा रिटायर

आईएनएस विराट भारतीय नौसेना की 30 साल की सेवा के बाद 6 मार्च को हो जाएगा रिटायर

फाइल फोटो

मुंबई:

27 साल रॉयल नेवी और 30 साल तक भारतीय नौसेना को सेवा देने के बाद अब आईएनएस विराट की विदाई का वक्त है. जलमेव यस्य, बलमेव तस्य के नारे के साथ सबसे लंबे वक्त तक सेवा देने वाले युद्धपोत के तौर पर विराट का नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है. 24 हजार टन वजनी विराट 743 फुट लंबा और 160 फुट चौड़ा है, रफ्तार करीब 52 किलोमीटर प्रतिघंटा है. नौसेना में इसे 12 मई 1987 को शामिल किया गया था. इस पोत पर सी हैरियर लड़ाकू विमान, जिन्हें व्हाइट टाइगर भी कहा जाता है, वो तैनात थे. साथ में एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट सीकिंग एमके 42बी और सीकिंग एमके 42सी, जिन्हें हारपून्स भी कहा जाता है.

इस मौके पर वेस्टर्न नेवल कमांड के चीफ वाइस एडमिरल गिरीश लूथरा ने विराट के पराक्रम के बारे में बात करते हुए बताया कि कैसे जहाज के डॉक पर 28 घंटे तक लगातार काम करने के बावजूद उनके और उनके साथियों को कोई थकान नहीं हुई है. उन्होंने कहा आईएनएस विराट को 1987 में 465 मिलियन अमेरिकी डॉलर में ख़रीदा गया था. इसे ख़रीदते वक्त सिर्फ 5 साल तक इसे इस्तेमाल करने की योजना थी लेकिन 30 साल तक इसने सेवा दी.'

इस पोत में करीब 1500 नौसैनिक रहते थे और एक बार जब यह समंदर में निकलता था तो साथ में तीन महीने का राशन लेकर निकलता था. विराट के डेक से कई लड़ाकू विमानों ने 22,622 उड़ान भरी है. इसने करीब 2,252 दिन और करीब 10,94,215 किलोमीटर का सफर समुद्र में तय किया है. यानी इतना वक्त जिससे तकरीबन 27 दफे आप दुनिया का चक्कर लगा सकते हैं.

विदाई के बाद रक्षा मंत्रालय इसे संग्रहालय बनाना चाहता है, लेकिन उसके खत का आंध्र प्रदेश को छोड़कर किसी ने अबतक जवाब नहीं दिया है. विराट के सेवा से रिटायर होने के बाद भारतीय नौसेना के पास आईएनएस विक्रमादित्य के रूप में सिर्फ एक एयरक्राफ्ट करियर बचेगा. वाइस एडमिरल लूथरा ने कहा, "घरेलू युद्धपोत के निर्माण का काम कोच्चि में चल रहा है. भारतीय नौसेना हमेशा से मौजूदा संसाधनों के बूते ही काम करती है, और हम लगातार ये करते रहेंगे."


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