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This Article is From Oct 15, 2019

मंत्री पर फेंकी स्याही, क्या पटना के लोग सही में गुस्से में हैं?

जल जमाव के कारण लोग भाजपा के नेताओं ख़ासकर नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी से ख़फ़ा हैं

मंत्री पर फेंकी स्याही, क्या पटना के लोग सही में गुस्से में हैं?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे पर मंगलवार को स्याही फेंकी गई.
पटना:

स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे के ऊपर मंगलवार को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्याही फेंकी गई.इसके बाद इस घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति ने कहा कि वह पटना के जल जमाव के बाद इतना व्यथित था कि उसने आवेश में आकर ऐसा किया. हालांकि उसने अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता नहीं छिपाई और माना कि उसका संबंध पूर्व सांसद पप्पू यादव की जन अधिकर पार्टी से है. जिसका पूर्व का इतिहास रहा है कि वो किसी भी त्रासदी में वाहवाही बटोरने के बाद राजनीतिक फ़ायदा उठाने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर स्याही फेंकने जैसी घटनाओं को अंजाम देती रही है.

बहरहाल सवाल यह है ये घटना क्यों हुई और क्या सही में पटना के लोग इतने ग़ुस्से में है? इस घटना के 48 घंटे पहले पटना के राजेंद्र नगर इलाक़े जो जल जमाव से सबसे ज़्यादा प्रभावित रहा वहां के लोगों ने मुआवज़े की मांग के समर्थन में प्रदर्शन किया और उसी इलाके में उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के पैतृक घर को भी घेरने की कोशिश की. सुशील मोदी पटना के जल जमाव के बाद यों तो आम लोगों से नहीं मिल रहे क्योंकि उन्हें अंदाज़ा है कि लोग इतने दिनों तक जल जमाव के कारण भाजपा के नेताओं ख़ासकर विधायक व नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी से अभी ख़फ़ा चल रहे हैं. उनका मानना है कि अगर ये लोग सजग रहते तो शायद उनकी इतनी दुर्गति नहीं हुई होती. 14 वर्षों तक नगर विकास विभाग अपने क़ब्ज़े में रखने के बावजूद पटना के अधिकांश लोगों, जिसमें BJP के समर्थक भी शामिल हैं का मानना है कि अगर डूब से लोगों का सामान बर्बाद हो गया तो BJP के नेताओं की विफलता है बल्कि उनकी दुर्गति के लिए भी यही लोग ज़िम्मेदार हैं.

इससे पहले पानी निकलने के बाद जब भाजपा विधायक अरूप सिन्हा कुछ इलाकों में दौरा करने गए तो लोगों ने न केवल उन्हें खरी खोटी सुनाई बल्कि उनके ख़िलाफ़ अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया. स्थानीय लोगों का मानना है कि BJP के नेता अभी भी मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं जैसे उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का उदाहरण देते हैं कि रविवार को जब उनके घर को घेरा गया अगले दिन अख़बारों में एक ख़बर छपी कि वो आज दस बजे प्रदर्शनकारियों से मिलेंगे लेकिन न ही उनके ऑफ़िस और ना ही किसी उनके समर्थक ने किसी भी प्रदर्शनकारी को फ़ोन करके आमंत्रण भेजने तक की औपचारिकता निभाई. और शाम में जले पर नमक छिड़कते हुए सुशील मोदी ने यह बयान दे दिया कि इस समय कोई उससे मिलने नहीं आया और ना ही कोई मेमोरेंडम उन्हें मिला है.

तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला, जल जमाव के मुद्दे पर उठाए कई सवाल

सोमवार को जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में भाजपा के विधायक को या सांसदों को नहीं बुलाया गया तो उन्होंने इसे मुद्दा बनाया, वो भी यात्रा कर कि जब वो अपने क्षेत्र में लोगों से मिलने जाते हैं तो उनके गुस्से का उन्हें सामना करना होता है. इसलिए उनकी आप बीती को भी सुना जाए. हालांकि मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर विभाग में पिछले शनिवार को जन प्रतिनिधियों की एक बैठक अलग से बुलाई है. लोगों का गुस्सा, BJP के नेता भी मानते हैं कि जायज़ है, क्योंकि जितनी क्षति हुई है उसका मुआवज़ा देने की तो दूर कोई इसके बारे में बातचीत भी नहीं कर रहा. और लोगों को एक आशंका है इस पूरे जल जमाव के लिए ज़िम्मेवार न तो नगर विकास मंत्री से नीतीश इस्तीफ़ा देने की हिम्मत जुटाएंगे और न ही किसी बड़ी अधिकारी के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई होगी. बल्कि छोटे छोटे अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सरकार पूरे मामले को रफ़ा दफ़ा कर देगी.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के चेहरे पर फेंकी गई स्याही, मरीजों का हाल जानने गए थे पटना मेडिकल कॉलेज

VIDEO : मंत्री पर फेंकी स्याही

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