विज्ञापन
This Article is From Dec 15, 2021

लॉकडाउन की मार के बाद अब महंगाई के चढ़ते ग्राफ ने तोड़ी आम आदमी की कमर...

महंगाई लगातार आठवें महीने चढ़ी है और यह 10 प्रतिशत से ऊपर है.थोक महंगाई दर बढ़ने का मतलब है कि लागत का बढ़ जाना.

लॉकडाउन की मार के बाद अब महंगाई के चढ़ते ग्राफ ने तोड़ी आम आदमी की कमर...
आम जरूरत की चीजों की कीमत बढ़ने से आम आदमी परेशान है(प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली:

कोरोना के खतरे के बीच जनता पर महंगाई की मार पड़ रही है. थोक महंगाई दर ने 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. थोक महंगाई दर नवंबर माह में 14.23 फीसदी पर पहुंच गई है, महंगाई लगातार आठवें महीने चढ़ी है और यह 10 प्रतिशत से ऊपर है.थोक महंगाई दर बढ़ने का मतलब है कि लागत का बढ़ जाना. इसके कारण छोटामोटा व्‍यवसाय करके अपना और परिवार का पेट पालने वालों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आम आदमी पहले ही लॉकडाउन और कोरोना की मार को झेलने के बाद अब महंगाई की मार झेलने पर मजबूर है. 

22 साल के नरेश दिल्ली में रेहड़ी लगाकर पराठे बनाते हैं.1000 रुपये प्रति सिलेंडर पहुंच रही रसोई गैस और 200 रुपये प्रति लिटर पहुंच चुके सरसों के तेल के दाम से वे बेहद परेशान हैं. पहले लॉकडाउन की मार पड़ी और अब महंगाई से कमर टूट रही है. नरेश कहते हैं, 'महंगाई से बहुत परेशान हैं. सिलेंडर हज़ार रुपये है, सरसों का तेल 200 रुपए लीटर है. क्या करें? ग़रीब लॉकडाउन में घर गए तो कर्ज़ चढ़ा है. अब तक नहीं उतार पा रहे हैं,बस चला रहे हैं. पेट्रोल पंप पर खड़े गिरीश कुमार कहते हैं, ' पेट्रोल की कीमतों के साथ-साथ महंगाई बढ़ी है लेकिन आमदनी नहीं बढ़ी.परेशान हैं, बस किसी तरह घर चल रहा है. बचत होती नहीं.' अभिजीत कहते हैं- पेट्रोल,डीज़ल, तेल,  आटा, चावल सब मंहगा है. सैलरी बढ़ी नहीं और कट गई है. हमने तो बाहर खाना बंद कर दिया है, यही कटौती कर रहे हैं.'अब तक जो महंगाई आम जनता की जेब पर चुभ रही थी अब वही महंगाई आंकड़ों में दिखाई देनी शुरू हो गई है..पिछले 8 महीनों से लगातार थोक महंगाई दर बढ़ती जा रही है. 

महंगाई का चढ़ता ग्राफ
अप्रैल- 10.74%
मई-  13.11%
जून- 12.07%
जुलाई- 11.16%
अगस्त- 11.66%
सितंबर- 10.66%
अक्टूबर- 12.54%
नवंबर -14.23%

बढ़ती महंगाई को लेकर विपक्ष भी सरकार के खिलाफ हमलावर है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है. उधर, महंगाई के ताज़ा आंकड़ों को लेकर केंद्र सरकार बचाव की मुद्रा में नज़र आई, उनके नेता महंगाई के सवाल पर आंकड़ों के हेरफेर में उलझाते नज़र आए. बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने कहा, 'WPI और CPI में कोई तालमेल नहीं है. आम आदमी पर खुदरा व्यापार सूचकांक (CPI) का असर पड़ता है जो अभी 4.8% है और नियंत्रण में है. पेट्रोल डीजल में एक्साइज ड्यूटी में जो कटौती की गई है उसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा.'पिछले साल के नवंबर में महंगाई दर सिर्फ 4.91 फीसदी थी, जबकि अब ये 14.23 फीसदी पर पहुंच गई है. सरकार का दावा है कि इसके पीछे खाद्य महंगाई दर, रसायन के अलावा खनिज तेलों, धातुओं, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों से आया उछाल है.ये आंकड़े यह भी दिखाते हैं कि सरकार के महंगाई कम करने के दावे बेकार हैं .ज़मीनी हक़ीक़त आंकड़ों से ज़रिए भी सामने आने लगी है इसमें सबसे बड़ा योगदान पेट्रोल और डीज़ल की क़ीमतों का है.

पूर्व सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई अपने एक बयान की वजह से घिर गए

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com