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This Article is From Jul 15, 2015

शुरू हुई 'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना', पीएम बोले - दुनिया में नौकरियों का बहुत बड़ा बाजार

शुरू हुई 'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना', पीएम बोले - दुनिया में नौकरियों का बहुत बड़ा बाजार
'प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना' की शुरुआत करते पीएम मोदी
नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी कौशल विकास अभियान ‘स्किल इंडिया’ की शुरुआत करते हुए बुधवार को कहा कि जिस तरह चीन वैश्विक विनिर्माण कारखाना बन गया है, वैसे ही भारत को दुनिया के ‘मानव संसाधन के केंद्र’ के रूप में उभरना चाहिए। सरकार ने ‘गरीबी के खिलाफ लड़ाई’ के तहत यह अभियान शुरू किया है।

मोदी ने कहा कि अगर देश के लोगों की क्षमता को समुचित और बदलते समय की आवश्यकता के अनुसार कौशल का प्रशिक्षण दे कर निखारा जाता है तो भारत के पास दुनिया को 4 से 5 करोड़ कार्यबल उपलब्ध करा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस पहलू पर ध्यान दे रही है।

दुनिया और प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण और अगले 10 साल के लिये योजना तैयार करने की जरूरत है।’ उन्होंने उद्योग तथा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के बीच नियमित रूप से बातचीत की जरूरत की वकालत की।

कौशल विकास अभियान ‘स्किल इंडिया’ की शुरूआत करते हुए मोदी ने कहा, ‘अगर चीन दुनिया का विनिर्माण कारखाना है तो भारत को दुनिया का मानव साधन का प्रमुख केंद्र बनना चाहिए। यह हमारा लक्ष्य होना चाहिए और हमें इस पर जोर देना चाहिए।’ इस मौके पर कई केंद्रीय मंत्री तथा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कई विकसित देश हैं जिनके पास संपत्ति तो है लेकिन पर्याप्त मानव संसाधन नहीं है। अगर भारत में उपयुक्त कौशल का विकास हो तो देश निकट भविष्य में उन देशों की जरूरतों को पूरा करने की स्थिति में हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘भारत के लोगों के पास अपार क्षमता है और सदियों पहले पूरी दुनिया ने इसे स्वीकार किया। हम हुनर को भूल गये हैं। हमें उसे फिर से हासिल करना है।’ उन्होंने यह भी कहा कि देश में प्रशिक्षण संस्थानों को गतिशील बनने की जरूरत है।

मोदी ने कहा कि देश में बेरोजगारी और गरीबी का कोई कारण नहीं है। ‘सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता रोजगार सृजन है। इसके लिये हमें समुचित ढांचा तैयार करना है और यह मिशन उस दिशा में एक पहल है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) ने पिछली सदी में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनायी, अब इस सदी में यही काम करने की बारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘स्किल इंडिया’ अभियान गरीबी के खिलाफ सरकार की लड़ाई है। इसके तहत सरकार ने 2022 तक 40.02 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने कहा, ‘नीति आधारित रुख के जरिये हमने गरीबी के खिलाफ लड़ाई छेड़ी है और हमें इस युद्ध को जीतना है। हमें गरीबों के बीच से एक सेना तैयार करनी है। हर गरीब मेरा सैनिक है। अपनी क्षमता के साथ हमें यह लड़ाई जीतनी है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘कौशल ऋण’ योजना की भी शुरुआत की जिसके तहत देश में 34 लाख युवाओं को अगले पांच साल में कौशल विकास कार्यक्रमों में भाग लेने वालों को 5,000 से 1.5 लाख रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।

मोदी ने इस अवसर पर प्रशिक्षण के लिए कौशल ऋण के स्वीकृति पत्र भी सौंपे।

‘विश्व युवा कौशल दिवस’ के मौके पर उन्होंने ‘स्किल इंडिया’ का प्रतीक चिन्ह जारी करने के साथ ही राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, कौशल विकास तथा उद्यमशीलता, 2015 के लिये राष्ट्रीय नीति, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘गरीब लोग अब भीख मांगने को इच्छुक नहीं है बल्कि वह आत्म-सम्मान के साथ कमाई करेंगे..स्किल इंडिया पहल केवल जेब भरने के लिये नहीं है बल्कि यह गरीबों में आत्म-विश्वास का भाव कराएगी।’ इस कार्यक्रम में अरुण जेटली, मनोहर पर्रिकर, सुरेश प्रभु, राजीव प्रताप रूडी समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, महाराष्ट्र के देवेन्द्र फडणवीस, हरियाणा के मनोहर लाल तथा पंजाब के प्रकाश सिंह बादल समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कार्यक्रम में शामिल हुए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘इस अभियान के जरिये सरकार लोगों का सपना पूरा करना चाहती है और राज्यों को साथ लेकर सुगठित रूप में इसे करने का इरादा है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘गरीब परिवारों में सामान्य तौर पर माता-पिता अपने बच्चों से कुछ हुनर सीखने को कहते रहते हैं ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। अगर यह एक घरेलू मुद्दा है तो यह सरकार के कानों तक क्यों नहीं पहुंचा। हमने इस दर्द को सुना है।’ उन्होंने कहा कि वे गरीब लोग हैं जो दौड़ में पीछे रह गये हैं।

मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में कुछ काम किये गये हैं और केंद्र राज्य सरकारों के साथ सहयोग के साथ इस पहल को नये तरीके से आगे ले जाना चाहती है।

जनसंख्या संबंधी लाभ की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम उम्र की है, अगर वे हुनरमंद नहीं है तो चुनौतियों को पार नहीं कर पाएंगे बल्कि हमारे लिये चुनौती बन जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि अवसर बढ़े और यही कारण है कि हमने स्वयं को केवल कौशल विकास तक सीमित नहीं रखा, हमने उद्यमशीलता पर भी जोर दिया है। मोदी ने कहा, ‘हमें युवाओं के परवरिश के लिये ढांचा और प्रणाली तैयार करना है ताकि वे रोजगार के काबिल हो सके।’

उन्होंने रेखांकित किया कि भारत में अगले दशक में श्रम बल में 4 से 5 करोड़ अतिरिक्त लोग होंगे जो कम के इंतजार में होंगे। उन्होंने इस तरुण मानव श्रम को कौशल तथा वैश्विक चुनौतियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करने की जरूरत पर बल दिया और आगाह किया कि ऐसा नहीं होने पर युवा जनसंख्या संबंधी जो लाभ है, वह स्वयं में चुनौती बन जाएगा।

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