आईएनएस विराट को रविवार को कोच्चि में विदाई दी गई.
कोच्चि:
विश्व के सबसे बड़े विमानवाहक पोत आईएनएस विराट को रविवार को कोच्चि में विदाई दी गई. इस पोत ने नौसेना को पांच दशक से अधिक समय तक सेवाएं दीं. नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि इस पोत को तीन नौकाओं से बांधकर विदाई समारोह के लिए मुंबई ले जाया जा रहा है.
विमानवाहक पोत की अंतिम यात्रा के शुरू होते वक्त दक्षिण नौसैन्य कमान के चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल नदकर्णी के नेतृत्व में नौसेना के अधिकारियों ने रविवार सुबह कोचिन पोर्ट ट्रस्ट के एर्नाकुलम व्हार्फ में विमानवाहक पोत को विदाई दी.
ये 29 अक्टूबर तक मुंबई पहुंच जाएगा. कोच्ची में पूरे सम्मान के साथ इसकी विदाई दी गई. कोच्ची बंदरगाह में इसके इंजन, रडार, बड़ी और छोटी बंदूकें और अन्य हथियारों और अन्य संवेदनशील उपकरणों को निकाल लिए गए.
जब ये पूरे तौर ऑपरेशनल था तब इस विमानवाहक पोत में इस पोत में करीब 1500 नौसेनिक रहते थे और एक बार जब समंदर में निकलता था तो साथ में तीन महीने का राशन लेकर निकलता था.
करीब 24 हजार टन वजनी यह पोत 743 फुट लंबा है, चौड़ाई 160 फुट है. इसकी रफ्तार करीब 52 किलोमीटर प्रतिघंटा है. नौसेना में इसे 12 मई 1987 को शामिल किया गया था.
इस पोत पर सी हैरियर लड़ाकू विमान तैनात थे. इनके होते करीब दो सौ किलोमीटर के इलाके में इसकी तूती बोलती थी. इस विमानवाहक पोत ने ब्रिटेन की रॉयल नेवी में 29 और भारतीय नौसेना में 27 साल बिताए हैं.
सबसे ज्यादा समय तक सेवा में रहने की वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी दर्ज हो चुका है. अब मुंबई में जल्द ही इसे नौसेना से रिटायर कर दिया जाएगा. वैसे रक्षा मंत्रालय ने देश के नौ समुद्री राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि आप चाहें तो विराट को मात्र एक रुपये की टोकन मनी देकर ले सकते हैं. या तो आप इसे म्यूजियम बनाएं या फिर कुछ ऐसा कि इसका सम्मान कायम रहे.
एनडीटीवी इंडिया को पता चला है केवल आंध्र प्रदेश ने ही चिट्ठी का जवाब दिया है. उम्मीद है रिटायर होने के बाद इसे विशाखापतनम ले जाया जाएगा.
(इनपुट एजेंसी से भी...)
विमानवाहक पोत की अंतिम यात्रा के शुरू होते वक्त दक्षिण नौसैन्य कमान के चीफ ऑफ स्टाफ रियर एडमिरल नदकर्णी के नेतृत्व में नौसेना के अधिकारियों ने रविवार सुबह कोचिन पोर्ट ट्रस्ट के एर्नाकुलम व्हार्फ में विमानवाहक पोत को विदाई दी.
जब ये पूरे तौर ऑपरेशनल था तब इस विमानवाहक पोत में इस पोत में करीब 1500 नौसेनिक रहते थे और एक बार जब समंदर में निकलता था तो साथ में तीन महीने का राशन लेकर निकलता था.
करीब 24 हजार टन वजनी यह पोत 743 फुट लंबा है, चौड़ाई 160 फुट है. इसकी रफ्तार करीब 52 किलोमीटर प्रतिघंटा है. नौसेना में इसे 12 मई 1987 को शामिल किया गया था.
इस पोत पर सी हैरियर लड़ाकू विमान तैनात थे. इनके होते करीब दो सौ किलोमीटर के इलाके में इसकी तूती बोलती थी. इस विमानवाहक पोत ने ब्रिटेन की रॉयल नेवी में 29 और भारतीय नौसेना में 27 साल बिताए हैं.
सबसे ज्यादा समय तक सेवा में रहने की वजह से इसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्डस में भी दर्ज हो चुका है. अब मुंबई में जल्द ही इसे नौसेना से रिटायर कर दिया जाएगा. वैसे रक्षा मंत्रालय ने देश के नौ समुद्री राज्यों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि आप चाहें तो विराट को मात्र एक रुपये की टोकन मनी देकर ले सकते हैं. या तो आप इसे म्यूजियम बनाएं या फिर कुछ ऐसा कि इसका सम्मान कायम रहे.
एनडीटीवी इंडिया को पता चला है केवल आंध्र प्रदेश ने ही चिट्ठी का जवाब दिया है. उम्मीद है रिटायर होने के बाद इसे विशाखापतनम ले जाया जाएगा.
(इनपुट एजेंसी से भी...)
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