प्रमुख औद्योगिक देश जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने व्यापार सरलीकरण समझौते (टीएफए) पर गतिरोध दूर करने के लिए भारत व अमेरिका में बनी सहमति को आज 'सभी के लिए फायदेमंद' बताया और विश्वास जताया कि महीनों से अटके इस अहम वैश्विक व्यापार समझौते पर अब आगे बढ़ा जा सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे तथा यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष हर्मन वोन रोम्पू के साथ हुई अलग-अलग बैठकों में टीएफए पर बनी सहमति का मुद्दा छाया रहा।
मोदी की कैमरन के साथ यह पहली बैठक थी, जबकि अबे ने तीन महीने में अपनी दूसरी मुलाकात करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री के लिए भोज का आयोजन किया।
इसके अलावा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के महासचिव रोबटरे एजेवेदो ने अलग से कहा कि भारत और अमेरिका में टीएफए पर बनी सहमति सहित हाल की घटनाओं ने इस विश्व संगठन में नई जान फूंकी है।
गौरतलब है कि मोदी ने बुधवार को म्यांमार में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विश्व समुदाय का आह्वान किया कि वे धर्म व आतंकवाद के बीच किसी भी तरह के संबंध को खारिज करे। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ लड़ाई के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारी का भी आह्वान किया था।
जापान, ब्रिटेन व यूरोपीय संघ के नेताओं ने मोदी के इस आह्वान का समर्थन किया है। इन तीनों बैठकों में उठाने वाला एक और मुद्दा भारत सरकार द्वारा रेलवे के आधुनिकीकरण की पहल रही।
मोदी ने तीनों प्रमुख नेताओं को बताया कि उनकी सरकार रेलवे स्टेशनों तथा सुविधाओं के आधुनिकीकरण को लेकर प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही मुंबई व अहमदाबाद के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की योजना पर भी जोर है।
मोदी के साथ अपनी बैठक में कैमरन ने कहा कि भारत के साथ रिश्ते ब्रिटेन की विदेश नीति की शीर्ष प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री कैमरन ने मोदी को ब्रिटेन आने का न्योता दिया जिस पर भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि वे यथाशीघ्र वहां आएंगे। वहीं मोदी ने कैमरन से कहा कि उनका दृष्टिकोण 'बहुत प्रेरक' है और दोनों देश किसी भी संभव तरीके में भागीदारी कर सकते हैं।
मोदी तथा यूरोपीय संघ प्रमुख रोम्पू के बीच बैठक में लंबित भारत-यूरोपीय संघ व्यापक निवेश एवं व्यापार समझौते (बिटा) का मुद्दा भी उठा। दोनों पक्षों द्वारा सेवाओं व आटोमोबाइल्स से जुड़े मुद्दे उठाए जाने के बाद यह समझौता अटक गया है।
दोनों नेताओं ने कोई रास्ता निकलने की उम्मीद जताई और मोदी ने कहा कि भारत में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है। मोदी ने यूरोपीय संघ नेता से कहा कि भारत इस मुद्दे पर प्रगतिशील रख अपनाने की इच्छा रखता है।
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