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This Article is From Jun 19, 2020

लद्दाख में हुई चीन से झड़प के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में 'आप' और आरजेडी को आखिर क्यों नहीं बुलाया गया?

चीन के साथ हुई झड़प को लेकर सर्वदलीय बैठक में 'आप' और आरजेडी को नहीं बुलाया गया है. इसको लेकर दोनों पार्टियों ने नाराजगी जाहिर की है.

लद्दाख में हुई चीन से झड़प के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में 'आप' और आरजेडी को आखिर क्यों नहीं बुलाया गया?
India-China Face off: पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है
नई दिल्ली:

चीन के साथ हुई झड़प को लेकर सर्वदलीय बैठक में 'आप' और आरजेडी को नहीं बुलाया गया है. इसको लेकर दोनों पार्टियों ने नाराजगी जाहिर की है. दरअसल सरकार ने फैसला किया है संसद में जिस पार्टी के सदस्यों की संख्या 5 है उन्हीं को इस बैठक में बुलाया जाए. संसद में दोनों ही पार्टियों की सदस्यों की संख्या 5 से कम है. वहीं केंद्र सरकार का यह फैसला आम आदमी पार्टी और आरजेडी के गले नहीं उतर रहा है. पार्टी नेता संजय सिंह ने कहा है कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है, पंजाब में मुख्य विपक्षी दल है. उन्होंने कहा कि एक अजीब और घमंड वाली सरकार केंद्र में है. बीजेपी की अगुवाई वाली इतने अहम मुद्दे पर विपक्ष को बुलाना नहीं चाहती है.  पूरे देश में पार्टी के 4 सांसद हैं.  संजय सिंह ने कहा कि आपात समय सभी पार्टियों को साथ लाना चाहिए. वहीं एक दूसरे आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल राय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पार्टी को नहीं बुलाया गया है. सभी लोगों से बात करने के बजाए बीजेपी गणितीय फॉर्मूले का इस्तेमाल कर तय कर रही है किससे बात की जाए और किससे नहीं. 

वहीं आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने भी कहा कि उनकी पार्टी के पास पांच सदस्य हैं और इसे सूची में शामिल करना चाहिए था, झा ने NDTV से कहा, "सर्वदलीय बैठक का मतलब यह होना चाहिए कि हम सभी को अपने विचारों को सामने रखने की अनुमति दी जानी चाहिए." बैठक में अन्‍य जिन नेताओं के भाग लेने की संभावना है, उनमें शिवसेना के उद्धव ठाकरे, एनसीपी के शरद पवार, वाईएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी, जेडी-यू के नीतीश कुमार, डीएमके के एमके स्टालिन, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और सीपीएम के सीताराम येचुरी शामिल हैं.

गौरतलब है कि लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान गंवाई है. वहीं सूत्रों का कहना है कि इस झड़प में 40 से ज्यादा चीन के भी सैनिक मरे हैं. हालांकि इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. वहीं इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि चीन ने भारत के 10 जवानों को हिरासत में ले लिया था. जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया था. हालांकि इसकी भी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.  (इनपुट भाषा से भी)


 

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