
भारत औऱ नीदरलैंड अपने राजनीतिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
तीन देशों की यात्रा के आखिरी चरण में पीएम मोदी नीदरलैंड पहुंचे
भारत और नीदरलैंड के बीच 3 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए
नीदरलैंड भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का तीसरा प्रमुख देश है
बता दें कि नीदरलैंड और भारत के बीच राजनीतिक और कारोबारी संबंध काफी पुराने हैं और इस साल भारत और नीदरलैंड अपने कूटनीतिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. जून, 2015 में नीदरलैंड के प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया था और ठीक दो साल बाद जून में ही भारत के प्रधानमंत्री नीदरलैंड में हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने साझा बयान में इस बात का जिक्र करते हुए कहा कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध और अधिक मजबूत होंगे. इससे पहले नीदरलैंड के प्रधानमंत्री रूट ने भारत के साथ संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया में भारत एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है. सवा सौ करोड़ की आबादी वाले भारत में बाजार की बहुत अधिक संभावनाएं हैं. उन्होंने भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और आतंकवाद के खिलाफ किए जा रहे प्रयासों की सरहाना की.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम द्वपक्षीय संबंधों पर और अधिक ध्यान देकर आगे बढ़ेंगे. द्वपक्षीय वार्ता के साथ-साथ वैश्विक परिवेश में भी बहुत सारी बातें होंगी. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दोनों देशों के विचार काफी मिलते हैं. नरेंद्र मोदी ने कहा कि नीदरलैंड की मदद से ही पिछले साल भारत ने मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजाइम की सदस्यता हासिल की थी.
मोदी ने कहा कि नीदरलैंड हमारा 5वां सबसे बड़ा विदेशी निवेश का आधार रहा है और पिछले तीन सालों में इस मामले में यह तीसरे स्थान पर आ गया है. भारत के विकास और आवश्यकताओं में नीदरलैंड एक कुदरती साझेदार है.
भारत और नीदरलैंड के बीच पानी प्रबंध एवं पानी सुरक्षा, भारतीय-डच कंपनियों की सामाजिक सुरक्षा और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं