फाइल फोटो
नई दिल्ली:
चीन के ऐतराज के बावजूद भारत इस बार मालाबार अभ्यास में जापान को भी आमंत्रित करेगा। भारत और अमेरिकी नौसेना के बीच बंगाल की खाड़ी में सिंतबर और अक्टूबर में होने वाले इस अभ्यास अब जापान की नौसेना भी हिस्सा लेगी।
नौसेना के सूत्रों ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि यह फैसला पीएमओ स्तर पर हुआ है और आज कल में भारत और अमेरिका संयुक्त तौर पर जापान को आमंत्रण भेजेंगे।
इससे पहले जब 2007 में ही बंगाल की खाड़ी में मालाबार अभ्यास हुआ था तब उसमें भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर की नौसेना ने हिस्सा लिया था। तब चीन ने इस पर कड़ा विरोध जताया था। इसके बाद सरकार ने मालाबार अभ्यास को द्विपक्षीय बना दिया था और इसमें केवल भारत और अमेरिका की नौसेना हिस्सा लिया करती थी।
अब जबकि दिल्ली में सरकार बदल चुकी है, अब यह फैसला लिया गया है कि चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को रोकने के लिये जरूरी है कि चीन विरोधी देशों अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत सैन्य संबंधों को मजबूत करें। भारत के इस कदम को कुछ सैन्य जानकार यूएन में जकी उर रहमान लखवी के मामले में चीन द्वारा भारत का साथ न दिए जाने से जोड़कर देख रहे हैं। इस मामले में चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया था।
नौसेना के सूत्रों ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि यह फैसला पीएमओ स्तर पर हुआ है और आज कल में भारत और अमेरिका संयुक्त तौर पर जापान को आमंत्रण भेजेंगे।
इससे पहले जब 2007 में ही बंगाल की खाड़ी में मालाबार अभ्यास हुआ था तब उसमें भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर की नौसेना ने हिस्सा लिया था। तब चीन ने इस पर कड़ा विरोध जताया था। इसके बाद सरकार ने मालाबार अभ्यास को द्विपक्षीय बना दिया था और इसमें केवल भारत और अमेरिका की नौसेना हिस्सा लिया करती थी।
अब जबकि दिल्ली में सरकार बदल चुकी है, अब यह फैसला लिया गया है कि चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को रोकने के लिये जरूरी है कि चीन विरोधी देशों अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत सैन्य संबंधों को मजबूत करें। भारत के इस कदम को कुछ सैन्य जानकार यूएन में जकी उर रहमान लखवी के मामले में चीन द्वारा भारत का साथ न दिए जाने से जोड़कर देख रहे हैं। इस मामले में चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया था।
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