Indian Independence Day: लालकिले पर झंडोतोलन से पहले राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन करते पीएम नरेंद्र मोदी.
नई दिल्ली:
स्वतंत्रता दिवस के झंडोतोलन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रेस एक बार फिर से चर्चा का विषय बना. पीएम मोदी लगातार चौथी बार साफा (एक प्रकार की पगड़ी) पहनकर लालकिला पर झंडा फहराने पहुंचे. इस बार उनके साफा के पिछले हिस्से की लंबाई काफी अधिक रहा. पीएम मोदी के सिर की शोभा बढ़ा रहे साफा का पिछला हिस्सा उनके घुटनों से नीचे तक झूलता रहा. साफा की लंबाई को लेकर लोग तरह-तरह के मायने निकाल रहे हैं. साफा गरीब की शान का प्रतीक माना जाता है. साफे की लंबाई के मायने निकाले जा रहे हैं कि पीएम मोदी संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि इस देश के गरीबों की शान बढ़ रही है.
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उत्सव के मौकों पर साफा बांधने का चलन: गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश देश के कई हिस्सों में साफा बांधने का चलन है. साफा खुशी को दर्शाने का प्रतीक होता है. शादी, जन्मोत्सव सहित सामाजिक कार्यक्रम में भी लोग साफा बांधते हैं. स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय के लिए सबसे बड़ा उत्सव का दिन होता है. शायद इसलिए पीएम मोदी उत्सव के इस मौके पर गरीबो-किसानों की शान माने जाने वाले साफा बांधकर पहुंचे.
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क्या है साफा: राजस्थान में एक परंपरा रही है कि यहां के लोग बिना सिर को ढके घर से बाहर नहीं निकलते थे. हर वर्ग और तबके के लिए रंग और आकार के आधार पर साफों को पहनने का रिवाज रहा है. विषम जलवायु वाले राजस्थान में ये धूप और अधिक ठण्ड से भी बचाता है. साफे बनावट के आधार पर कई तरह के होते हैं, जैसे उदैसाही, राजशाही, स्वरुपशाही.
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उत्सव के मौकों पर साफा बांधने का चलन: गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश देश के कई हिस्सों में साफा बांधने का चलन है. साफा खुशी को दर्शाने का प्रतीक होता है. शादी, जन्मोत्सव सहित सामाजिक कार्यक्रम में भी लोग साफा बांधते हैं. स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय के लिए सबसे बड़ा उत्सव का दिन होता है. शायद इसलिए पीएम मोदी उत्सव के इस मौके पर गरीबो-किसानों की शान माने जाने वाले साफा बांधकर पहुंचे.
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क्या है साफा: राजस्थान में एक परंपरा रही है कि यहां के लोग बिना सिर को ढके घर से बाहर नहीं निकलते थे. हर वर्ग और तबके के लिए रंग और आकार के आधार पर साफों को पहनने का रिवाज रहा है. विषम जलवायु वाले राजस्थान में ये धूप और अधिक ठण्ड से भी बचाता है. साफे बनावट के आधार पर कई तरह के होते हैं, जैसे उदैसाही, राजशाही, स्वरुपशाही.
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