संसद के बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि सरकार विपक्ष की राय सुनने और हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि अर्थव्यवस्था सहित सभी मुद्दों पर सार्थक और समृद्ध चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि अर्थव्यवस्था को वैश्विक संदर्भ में देखने की जरूरत है, भारत इसका फायदा कैसे उठा सकता है. संसद के 31 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), एनपीआर, एनआरसी, अर्थव्यवस्था की स्थिति, कश्मीर की स्थिति सहित कई मुद्दे उठाये और इन पर चर्चा कराने की मांग की.
PM Narendra Modi at the all-party meeting earlier today: Most of the members have asked for a discussion on the economic situation concerning the country. I welcome this and we need to discuss the economic issues as suggested by you all. https://t.co/E4aHHSMRkD
— ANI (@ANI) January 30, 2020
बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी आदि मौजूद थे. बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों पर सरकार का रुख उसका अहंकार दिखाता है, उसने प्रदर्शनकारियों से सम्पर्क करने की कोई कोशिश नहीं की.''
उन्होंने कहा कि पिछले करीब सवा महीने से देश की आधी आबादी सड़कों पर है . उन्होंने कहा ‘‘महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग इस ठंड में सड़कों पर हैं, आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार को कोई परवाह नहीं है कि कोई जिए या मरे '' इस बारे में पूछे जाने पर संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा ‘‘ विपक्ष को आत्मावलोकन करना चाहिए क्योंकि सीएए लोकतांत्रिक तरीके से संसद में पारित हुआ है.''
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आजाद ने कहा कि विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की तत्काल रिहाई की मांग की.
उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान सिर्फ विधेयक पारित कराने पर है, विपक्ष भी देशहित में विधेयक पारित करने में सहयोग करेगा लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए .कांग्रेस नेता आजाद ने कहा ‘‘देश की आर्थिक स्थिति खराब है, बेकारी और बेरोजगारी है . कश्मीर में तीन..तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंद कर रखा गया है . हम इन सभी मुद्दों पर चर्चा चाहते हैं . विपक्ष चाहेगा कि सरकार इन मुद्दों पर संवेदनशील हो, इन पर सदन में चर्चा हो और इनका समाधान निकले.''
द्रमुक और वाम दलों ने भी कहा कि बैठक में सीएए, फारूक अब्दुल्ला की रिहाई के मुद्दे को उठाया गया.
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