सार्क सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने गाज़ियाबाद पुलिस के 'ऑपरेशन स्माइल' का ज़िक्र किया

सार्क सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने गाज़ियाबाद पुलिस के 'ऑपरेशन स्माइल' का ज़िक्र किया

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • लापता बच्चों को ढूंढने के अभियान का नाम है ऑपरेशन स्माइल
  • गाज़ियाबाद पुलिस द्वारा शुरू की गई मुहीम में 32 हज़ार लापता बच्चे मिले
  • राजनाथ सिंह ने सार्क सम्मलेन में इस मुहीम का ज़िक्र किया
गाजियाबाद:

इस्लामाबाद में आयोजित सार्क सम्मेलन में भाग लेने गए भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने वहां आतंकवाद के मुद्दे को उठाया. साथ ही कार्यक्रम में उन्होंने ड्रग्स की समस्या और महिला एवं बच्चों की सुरक्षा पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सार्क देशों को इस मुद्दे पर विशेष तरीके से काम करना चाहिए और भारत में इसके लिए 'ट्रैक चाइल्ड' पोर्टल और 'ऑपरेशन स्माइल' जैसी पहल के ज़रिए लापता बच्चों को बचाया जा रहा है. शुक्रवार को संसद में भी राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के दौरे को लेकर दिए बयान में इस बात को दोहराया है.
 

प्रतीकात्मक तस्वीर

कुछ इस तरह शुरू हुआ 'ऑपरेशन स्माइल'
जहां ट्रैक चाइल्ड पोर्टल महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की पहल है, वहीं 'ऑपरेशन स्माइल' की शुरुआत दिल्ली से सटे गाज़ियाबाद के पूर्व एसएसपी धर्मेंद्र सिंह ने की है. इस ऑपरेशन के ज़रिए देश भर में 32 हज़ार से ज्यादा गुमशुदा बच्चों को ढूंढा जा चुका है. सितंबर 2014 में इस ऑपरेशन की नींव तब रखी गई जब तत्कालीन एसएसपी धर्मेंद्र सिंह की अगुवाई में गाज़ियाबाद पुलिस ने 51 बच्चों को बाल मजदूरी के चंगुल से बाहर निकाला था. उस वक्त धर्मेंद्र ने सोचा कि अगर एक ऐसा छापा दूसरे शहरों के बच्चों को गाज़ियाबाद से मुक्त करवा सकता है तो क्यों ना दूसरी जगहों से गाज़ियाबाद के बच्चों को भी इसी तरह छुड़वाया जाए.
 
गाज़ियाबाद के पूर्व एसएसपी धर्मेंद्र सिंह

इसी के तहत शुरूआत हुई 'ऑपरेशन स्माइल' की जिसमें तकनीक की मदद से गाज़ियाबाद की पुलिस ने अपने शहर से लापता हुए बच्चों को ढूंढ निकालने का काम शुरू किया. सबसे पहले बच्चों की तस्वीरों को बेहतर क्वॉलिटी में निकाला गया ताकि पहचान करने में दिक्कत न पेश आए. इसके बाद इन तस्वीरों को बच्चे के पूरे विवरण के साथ देश भर के एनजीओ और राज्य आयोगों में भेजा गया. जानकारी हासिल होने और बच्चों का पता लगने के बाद पुलिस अपने स्मार्ट फोन, व्हाट्सएप, वीडियो चैटिंग और अन्य लोकप्रिय एप के ज़रिए वह परिवार को बच्चे की पहचान करने के लिए कहते हैं. जैसे व्हाट्सएप पर तस्वीर खींचकर बच्चे के परिवार के पास भेजी जाती है. कई बार वीडियो चैटिंग के ज़रिए बच्चे और परिवार की बातचीत करवाई जाती है.इस तरह तकनीक के साथ हाथ मिलाकर 'ऑपरेशन स्माइल' ने अब तक 32 हज़ार से ज्यादा गुमशुदा बच्चों को ढूंढ निकाला है. 

ऑपरेशन का अनुसरण
गौरतलब है कि सार्क सम्मलेन तक 'ऑपरेशन स्माइल' का ज़िक्र होने से पहले भारत में भी गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुहीम को एक उदाहरण के तौर पर रखा है. पिछले साल सिंह के पास इस ऑपरेशन से जुड़ी गाज़ियाबाद पुलिस की रिपोर्ट आई जिसे देखने के बाद उन्होंने सभी राज्यों से इस अभियान का अनुसरण करने के लिए कहा है. इकॉनोमिक टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक 8 राज्यों ने मंत्रालय को बताया कि इस अभियान के तहत काम करते हुए महज़ जनवरी(2015) भर में करीब 2500 बच्चों को बचाया जा सका है. यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी बच्चों का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए 'ऑपरेशन स्माइल' के अपनाए जाने पर ज़ोर दिया है.

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