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This Article is From Aug 15, 2016

लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी की पाक को दो टूक- अब गिलगित, बलूचिस्तान की बात होगी

लालकिले की प्राचीर से पीएम मोदी की पाक को दो टूक- अब गिलगित, बलूचिस्तान की बात होगी
लालकिले पर पीएम नरेंद्र मोदी
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पीएम ने पाकिस्तान पर निशाना साधा
भाषण में बलूचिस्तान और PoK के लोगों का जिक्र किया
पीएम ने कहा-भारत आतंकवाद के आगे नहीं झुकेगा
नई दिल्ली: आतंकवादियों को महिमामंडित करने के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ऐलान किया कि देश आतंकवाद के सामने नहीं झुकेगा और कहा कि बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की जनता ने अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार के मुद्दों को उठाने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया है.

दरअसल,पीएम मोदी ने शुक्रवार को कश्मीर पर एक सर्वदलीय बैठक में अपने भाषण में बलूचिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अत्याचारों के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया था. उन्होंने आज कहा कि उन इलाकों की जनता ने उसके बाद से उनका शुक्रिया अदा किया है और वह उनके आभारी हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, जब पेशावर के एक स्कूल में आतंकी हमले में बच्चे मारे गए थे तो हमारी संसद में आंसू थे. भारतीय बच्चे आतंकित थे. यह हमारी मानवीयता का उदाहरण है, लेकिन दूसरी तरफ देखिए जहां आतंकवाद को महिमामंडित किया जाता है. पाकिस्तान में बुरहान वानी के महिमामंडन का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह किस तरह की नीति है, जिसमें आतंकवादियों के साथ खुशी मनाई जाती है.

लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए 90 मिनट के अपने भाषण में प्रधानमंत्री कश्मीर घाटी के हालात पर कुछ नहीं बोले जहां हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद हिंसा का माहौल है, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को महिमामंडित करने और भारत में लोगों के मारे जाने की खुशी मनाने का आरोप लगाया. मोदी ने वानी का नाम नहीं लिया लेकिन जाहिर तौर पर ऐसा बोलकर उन्होंने उसी का जिक्र किया जिसे पाकिस्तान ने शहीद का दर्जा दिया.

अपनी खास पहचान बने आधी आस्तीन के कुर्ते और राजस्थानी पगड़ी पहने मोदी ने 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण के अधिकतर हिस्से में अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश किया और खासतौर पर अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने में, कारोबार करना सुगम बनाने में और गरीबों तथा किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं में सरकार के कार्यों का ब्योरा पेश किया.

आतंकवाद के संदर्भ में मोदी ने कहा कि युवाओं को आतंकवाद और उग्रवाद के रास्ते को अपनाकर कुछ नहीं मिला. उन्होंने देश के ऐसे युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने का आह्वान किया.

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि भारत और पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों के संदर्भ में दोनों देशों के व्यवहार को देखें.

गरीब की थाली महंगी नहीं होने देंगे
महंगाई को काबू में रखने का संकल्प जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार ने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाया है और उनका प्रयास है कि गरीबों की थाली महंगी न हो. लाल किले की प्राचीर से अपने तीसरे स्वतंत्रता दिवस संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में इस समय महंगाई कम हुई है. उन्होंने रिजर्व बैंक के साथ मौद्रिक नीति मसौदे के तहत अगले पांच साल के लिए दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य का समर्थन किया. मोदी ने कहा, ‘‘..पूर्व सरकार के समय के दौरान मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत से पार कर गई थी. हमारे निरंतर प्रयासों से मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर नहीं गई है. प्रधानमंत्री ने माना कि इस समय सब्जियों की कीमतें कुछ चढ़ी हुई हैं. पर इसके कारण में जाते हुए उन्होंने इस तेजी के लिए लगातार दो साल सूखे को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि सूखे के कारण आपूर्ति प्रभावित होने से सब्जी की कीमतों में कुछ तेजी आई है, लेकिन इसे काबू में रखने के लिए प्रयास किए गए हैं.

उन्होंने कहा, मैं निरंतर यह प्रयास करूंगा कि गरीबों की थाली महंगी नहीं हो. इस साल दाल की कीमतों में तेजी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष दलहन की बुवाई 1.5 गुना हुई है और अच्छे मानसून तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य :एमएसपी: तथा किसानों को बोनस जैसे कदमों के साथ-साथ उपलब्धता बढ़ने से कीमत के मोर्चे पर हालात बेहतर होंगे.

उन्होंने कहा कि इस साल मानसून बेहतर रहा है लेकिन कुछ जगहों पर अत्यधिक बारिश से समस्या उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार बाढ़ से प्रभावित राज्यों को मदद करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों के विपरीत उन्होंने लोकलुभावन उपायों से अपने को दूर रखा है और लोगों को अधिकार सम्पन्न बनाने के उपायों पर भरोसा किया है.

पीएम ने उठाया दलितों का मुद्दा
देश में पिछले कुछ दिनों में घटीं दलितों पर अत्याचार की घटनाओं के खिलाफ प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक न्याय पर आधारित मजबूत समाज के बिना मजबूत देश नहीं बन सकता. उन्होंने कहा कि जातिवाद या छूआछूत जैसी सदियों पुरानी सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए ‘सख्त और संवेदनशील’ रवैया जरूरी है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस संघर्ष से बाहर निकलने के लिए सरकारों और समाज को मिलकर काम करना होगा . इन सामाजिक बुराइयों से हमें मिलकर लड़ना होगा .’’ उन्होंने कहा, ‘‘केवल सशक्त समाज ही सशक्त भारत की गारंटी है’’ और ‘‘केवल सामाजिक न्याय से ही एक सशक्त समाज बन सकता है.’’ पीएम मोदी ने कहा, ‘‘केवल आर्थिक स्वतंत्रता ही किसी सशक्त समाज की गांरटी नहीं है . सामाजिक न्याय हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है .’’ उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए दलितों, आदिवासियों और वंचितों को साथ लेकर चलना होगा.

सामाजिक समरसता को देश की प्रगति की कुंजी बताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी, संत रामानुजाचार्य, बी आर अंबेडकर...हमारे सभी संतों और शिक्षकों ने सामाजिक एकता पर जोर दिया है. जब समाज बंटता है तो साम्राज्य बंटता है. जब समाज स्पृश्य और अस्पृश्य, उंची और नीची जातियों में बंट जाता है तो ऐसा समाज नहीं चल सकता.’’ उन्होंने सदियों पुरानी सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए ‘सख्त और संवेदनशील’ रवैये की भी वकालत की.

रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म मंत्र
आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ (सुधार, काम करने और बदलाव) की रणनीति को अपनाने की कोशिश करते हैं वहीं लोक-लुभावन चीजों से बचते हैं. उन्होंने कहा कि आत्म-शासन से सुशासन की ओर बढ़ना पूरे देश का संकल्प है, जिसके लिए बलिदान चाहिए होंगे. पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकार आरोपों से घिरी थी जबकि उनकी सरकार अपेक्षाओं से घिरी है.

प्रधानमंत्री ने कारोबार करना सुगम बनाने में, भ्रष्टाचार से निपटने में, गरीब जनता को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने में और किसानों को लाभ पहुंचाने में उनकी सरकार की विभिन्न पहलों का ब्योरा भी दिया.

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दो घोषणाएं भी कीं. उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन 20 प्रतिशत बढ़ाने और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए एक लाख रुपए तक के चिकित्सा खर्च को सरकार द्वारा वहन किये जाने का ऐलान किया.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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