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This Article is From Dec 22, 2016

आज देश के चुनिंदा अखबारों में प्रकाशित प्रमुख खबरों और सुर्खियों पर एक नज़र

आज देश के चुनिंदा अखबारों में प्रकाशित प्रमुख खबरों और सुर्खियों पर एक नज़र
नई दिल्ली: नोटबंदी के साथ छापेमारी का क्रम जारी है. अगर 22 दिसंबर की प्रमुख खबरों की बात करें तो तमिलनाडु के मुख्य सचिव के घर और दफ्तर पर छापा, राहुल गांधी द्वारा पीएम मोदी पर सहारा-बिड़ला समूह से पैसे लेने का आरोप और पुराने नोटों के लेकर आरबीआई के एक और यूटर्न जैसी खबरें अखबारों के पहले पन्ने पर हैं.

8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद केंद्र सरकार का यह पुराने नोटों के लेकर एक और यू-टर्न है. सरकार ने 48 घंटे के भीतर भीतर 'एक बार में 5000 रुपए जमा करने की सीमा' को लेकर जारी किया गया सर्कुलर वापस ले लिया है. अब 30 दिसंबर तक पुराने नियम अनुसार, 500 रुपए और 1000 रुपए के पुराने नोट, 5000 रुपए से कम या अधिक, जमा होते रहेंगे.

अमर उजाला ने इस खबर को प्रमुखता के साथ एक संपूर्ण पैकेज के रूप में प्रकाशित किया है जिसमें चेक या ई-मोड से सैलरी देने का ऑर्डिनेंस और इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर पर दी गई रियायत की खबर शामिल है.

वहीं दैनिक भास्कर ने सोशल मीडिया में आए कमेंट के आधार पर 'यह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया है या रिवर्स बैंक ऑफ इंडिया" हेडिंग से लीड खबर प्रकाशित की है. भास्कर ने भी अमर उजाला की तर्ज पर नोटबंदी से जुड़ी खबरों को पैकेज के रूप में प्रकाशित किया है.
 
bhaskar

दैनिक जागरण ने 'नोटबंदी पर हदबंदी वापस' शीर्षक से सुर्खी को प्रमुख खबर के रूप में एक पैकेज के तौर पर प्रकाशित किया है. इतना ही नहीं बार-बार नियम बदलने से आरबीआई की साख पर भी अखबार ने सवाल उठाए हैं.
 
jagran

वहीं, जनसत्ता ने ई-मोड में सैलरी दिए जाने के अध्यादेश को 'देश ने नकादीरहित वेतन भुगतान की ओर बढ़ाया कदम' शीर्षक से पहले पेज पर प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है. हालांकि अन्य प्रमुख अखबारों की तरह यहां भी नोटबंदी से मिलती-जुलती खबरों का संपूर्ण पैकेज दिखाई देता है.
jansatta

दैनिक हिंदुस्तान ने 'पुराने नोट बिना रोकटोक के जमा होंगे' शीर्षक से आरबीआई के यूटर्न को लीड बनाया है. इसके साथ ही समाचार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कालेधन को सफेद करने की योजना में दखल नहीं देने की खबर को पैकेज के साथ अन्य नोटबंदी के समाचारों को जोड़ते हुए प्रकाशित किया है.
 
hindustan

उधर, नवभारत टाइम्स ने पुराने नोट जमा करने के फैसले को 'डिपॉजिट पर शर्तें नरम' टाइटल के साथ प्रकाशित किया है. अखबार ने इस खबर के साथ इस तथ्य को जोड़ा है कि kYC खातों में बिना पूछताछ के 5000 से ज्यादा की रकम जमा की जा सकती है. साथ ही एक पैकेज में अन्य खबरों को सजाया है. आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल के बयान को पैकेज में जगह देते हुए उनके हवाले से लिखा है कि नोटबंदी का असर अनिश्चित है.
 
navbharat times

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