भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में हो सकता है अहम समझौता, आज ऐलान की उम्मीद

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में हो सकता है अहम समझौता, आज ऐलान की उम्मीद

मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

चीन की बढ़ती ताक़त के बीच भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में अहम समझौता होने जा रहा है। रविवार को भारत की यात्रा पर आए अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बीच अहम सैन्य समझौते होने जा रहे हैं जिनका एलान आज किये जाने की उम्मीद है।

हिंद महासागर में चीन की लगातार बढ़ती दखलअंदाज़ी और पाकिस्तान के साथ गहराते रिश्तों के बीच अमेरिकी रक्षा सचिव एश्टन कार्टर भारत आए हैं। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच अहम समझौते हो सकते हैं। भारत चाहेगा कि बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी अमेरिकी रक्षा कम्पनियों से तकनीक के हस्तानांतरण में पेंटागन की ओर से आने वाली बाधाओं का समाधान हो। यह कम्पनियां भारत को तकनीक के हस्तानांतरण का वायदा करती हैं लेकिन तकनीक के किसी ख़ास हिस्से के ट्रांसफर में पेंटागन के क़ायदे क़ानून आड़े आ जाते हैं।

पाकिस्तान को लड़ाकू विमान  देने का मसला भी उठेगा...
हाल ही में अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर दिए जाने का मसला भी इस दौरान उठेगा। भारत पहले ही अमेरिका से इस पर नाराज़गी जता चुका है। दोनों देशों के बीच एम-777 हॉवित्ज़र तोपों को भारत में ही बनाने के समझौते पर भी बात बन सकती है। इसके अलावा मानव रहित 40 प्रिडेटर सर्विलांस ड्रोन के सौदे पर भी बात चल रही है।

वैसे अमेरिकी सैन्य प्रशासन पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि वह भारत के साथ क़रीबी सैन्य रिश्ते चाहता है ताकि चीन को नियंत्रण में रखा जा सके। ख़ास बात यह है कि एश्टन कार्टर ने ही भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिये पेंटागन में एक स्पेशल सेल का गठन किया था। ऐसे में यह दौरा दोनों देशों के सैन्य संबंधों में क़रीबी लाएगा। पिछले सप्ताह ही अमेरिकी पैसिफिक कमाण्ड के कमाण्डर एडमिरल हैरी हैरिस ने कहा था कि अमेरिका भारत के साथ एशिया पैसिफिक क्षेत्र में साझा नौसैनिक अभ्यास को बढ़ाना चाहता है। हालांकि रक्षा मंत्री परिकर ने कहा था कि फिलहाल किसी देश के साथ समुद्र में साझा पेट्रोलिंग जैसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।

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पर्रिकर और कार्टर आईएनएस विक्रमादित्य पर गए
पर्रिकर और कार्टर सोमवार को करवाड़ नौसैनिक अड्डे पर विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर गए। दरअसल पर्रिकर भी अपने अमेरिकी दौरे के दौरान अमेरिका के बड़े जंगी जहाज़ ड्वाइट एसनहावर पर जाने वाले पहले भारतीय रक्षा मंत्री बने थे। इसी के बाद परिकर ने एश्टन कार्टर को भी निमंत्रण दिया था।