होली पर बंपर बिक्री की कारोबारियों की उम्मीदों को झटका, जानिए होगा कितने हजार करोड़ का नुकसान 

दिल्ली में ही होली के मौके पर तकरीबन 3000 छोटे बड़े आयोजन होते हैं. देश भर में तो इसकी संख्या करीब 40 हज़ार के आस पास होती है, लेकिन अब न तो होली का हुल्लड़ होगा न ही रंगों की मस्ती.

होली पर बंपर बिक्री की कारोबारियों की उम्मीदों को झटका, जानिए होगा कितने हजार करोड़ का नुकसान 

Holi से जुड़े सभी तरह के सामूहिक आय़ोजनों पर लग गया है अंकुश

नई दिल्ली:

पिछले एक साल में कोरोना की वजह से त्योहारों के सार्वजनिक आयोजनों पर पाबंदियों का असर कारोबारियों पर पड़ा है. इस बार भी फरवरी-मार्च में कोरोना के मामलों में तेज उछाल के बाद राज्य सरकारों ने तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. इससे कारोबारियों को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है.

करोड़ों खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट का कहना है कि कोविड -19 मामलों में तेज बढ़ोतरी से इस साल होली का आय़ोजन भी फीका रहने का अनुमान है. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने होली से जुड़े सामूहिक उत्सव, सार्वजनिक आयोजन और खरीदारी पर या तो अंकुश लगा दिया है, या फिर इसकी तैयारी में हैं. 

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि होली पर सामूहिक सभा, होली मिलन समारोह और गली मोहल्लों में इकट्ठा होकर जश्न मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. ऐसे आयोजनों से भी छोटे व्यापारियों को मुनाफा होता रहा है. दिल्ली में ही होली के मौके पर तकरीबन 3000 छोटे बड़े आयोजन होते हैं. देश भर में तो इसकी संख्या करीब 40 हज़ार के आस पास होती है, लेकिन अब न तो होली का हुल्लड़ होगा न ही रंगों की मस्ती. सामाजिक कार्यक्रम ही नहीं होगा तो लोग घरों में ही रहना पसंद करेंगे.

यही वजह है कि होली के एक हफ्ते पहले होने वाली खरीदारी में गिरावट दिख रही है. बाज़ार सुनसान हैं. इस साल रंग , गुलाल और होली के खिलौनों की खरीद फरोख्त में तो दुकानदारों को भारी घाटा हो सकता है. मिठाई, नमकीन, हर्बल गुलाल, फूल और पूजा की सामग्री की खरीदारी होने की उम्मीद भी न के बराबर है.

दिल्ली सरकार की गाइडलाइन में स्पष्ट है कि इस साल होली पर किसी भी प्रकार के सामाजिक कार्यक्रम या समारोह का आयोजन नहीं होगा. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी आदेश दिया कि होली, शब-ए-बारात, नवरात्रि आदि के अवसरों पर शहर में कोई उत्सव नहीं होगा.वहीं केंद्र सरकार की एडवाइजरी के बाद सभी प्रमुख राज्यों में कोविड गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं. इसका असर कारोबारी गतिविधियों पर दिखाई देगा. 

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कैट का अनुमान है कि हर साल चीन से होली पर करीब 10 हज़ार करोड़ का सामान होली के रंग और खिलौनों के रूप में भारत में बिकने के लिए आता था. लेकिन कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से दीवाली पर चीनी उत्पादों के बहिष्कार के आह्वान को भारी समर्थन मिला था. भारतीय व्यापारियों ने होली पर बिकने वाले सामानों की थोक में भारतीय सामान की खरीदारी शुरू कर दी थी. आपूर्ति की तैयारियां भी जोरो पर थी, पर नई पाबंदियों से दिल्ली समेत पूरे देश में त्योहार पर बंपर बिक्री की आस लगाए बैठे कारोबारियों को झटका लगा है.