गृह मंत्री अमित शाह ने की मुख्यमंत्रियों से बात, लॉकडाउन पर फीडबैक लिया

देश में जारी कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन को लेकर बातचीत की है.

गृह मंत्री अमित शाह ने की मुख्यमंत्रियों से बात, लॉकडाउन पर फीडबैक लिया

गृह मंत्री अमित शाह ने लॉकडाउन पर मुख्यमंत्रियों से की बात. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

देश में जारी कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन को लेकर बातचीत की है. बता दें कि 31 मई को लॉकडाउन-4 खत्म हो रहा है और इससे पहले ही गृह मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से इसे लेकर राय ली. इस दौरान आगे की रणनीति को लेकर भी चर्चा हुई. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन सबसे पहले 25 मार्च को लगाया था और इसके बाद इसे तीन बार बढ़ाया जा चुका है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘गृह मंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से बातचीत की और लॉकडाउन को 31 मई के बाद बढ़ाए जाने पर उनके विचार जाने.'

मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी बातचीत के दौरान शाह ने राज्यों के चिंताजनक स्थिति वाले क्षेत्रों के बारे में उनके विचार जाने और एक जून के बाद किन क्षेत्रों को खोलना चाहते हैं, इस बारे में भी उनसे राय ली गई. दिलचस्प है कि अभी तक हर चरण में लॉकडाउन बढ़ाने के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बात कर उनके विचार जान रहे थे. पहली बार गृह मंत्री ने लॉकडाउन के एक और चरण के खत्म होने के पहले मुख्यमंत्रियों से बात कर उनके विचार जाने हैं.

उधर, लॉकडाउन 4.0 समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय पिछले चौंसठ दिनों के लॉकडाउन की पूर्ण समीक्षा करने में व्यस्त है. गृह मंत्रालय (MHA) और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर एक जून से अपनाई जाने वाली संबंधित रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है. भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि “पिछले कई दिनों से यहां लगातार समीक्षा की जा रही है लेकिन आखिरकार यह एक राजनीतिक फ़ैसला होगा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून को जारी रखना है, या राज्यों को एक जून से अंतिम रूप देना है कि वे किस तरह से आगे बढ़ना चाहते हैं.” उनके अनुसार निर्णय पीएमओ द्वारा राज्य प्रशासन से प्राप्त डाटा और फीड बैक पर आधारित होगा. अधिकारी उस डेटा को स्कैन भी कर रहे हैं जो केंद्र ने स्वतंत्र रूप से एकत्रित किया है.

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उधर, कोरोना वायरस के प्रकोप से देश के सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों और जिलों पर सरकार ने खास ध्‍यान केंद्रित करने का निर्णय लिया है. कोरोना की 'चेन' को तोड़ने के लिए सरकार यहां की भौगोलिक स्थिति को ध्‍यान में रखकर कोरोना वायरस मामलों की निगरानी और क्‍वारंटाइन के लिए 'टॉप टु बॉटम' रुख अपनाएगी. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और नगर निगम आयुक्तों और जिला मजिस्ट्रेटों के बीच दो घंटे की वीडियो कॉल के दौरान गुरुवार को मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली सहित 13 शहरों के लिए COVID-19 की सम्‍मिलन योजना की शुरुआत की गई.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने NDTV को बताया, "नगरीय निकाय के अधिकारियों के साथ चर्चा के दौराना वायरस का प्रसार रोकने के लिए उपायों पर चर्चा की गई." आज की बैठक इस लिहाज से अहम थी क्‍योंकि इन 13 शहरों से ही देश के कुल मामलों के करीब 70 फीसदी मामले आए हैं. अकेले महानगर मुंबई में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्‍या 35 हजार पहुंच गई है ज‍बकि देश की राजधानी दिल्‍ली से अब तक करीब 15 हजार मामले सामने आए हैं.

उधर, देश में कोरोना (Covid-19) संक्रमितों का कुल आंकड़ा डेढ़ लाख के पार पर पहुंच गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कोरोनावायरस मरीज़ों की कुल संख्या 1,58,333 हो गई है और जबकि इस वायरस से अब तक 4,531 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 6,566 नए मामले सामने आए हैं और 194 लोगों की जान गई है. हालांकि, राहत की बात यह है कि 67,692 मरीज़ कोरोना को मात देने में कामयाब हुए हैं. रिकवरी रेट 42.75 प्रतिशत पर पहुंच गया है.