उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़ित 20 वर्षीय युवती का अंतिम संस्कार रोकने के लिए परिजनों ने लाख जतन किए लेकिन पुलिस ने किसी की भी नहीं सुनी. मृतक की मां एम्बुलेंस के आगे सड़क पर रोती बिलखती रही, दहाड़ मारकर रोती रही. कहती रहीं कि एक बार बेटी का मुंह दिखा दो लेकिन उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी. यहां तक कि गांव और परिवार की महिलाएं एम्बुलेंस की बोनट पर भी लदकर अड़ गईं लेकिन दल-बल के साथ पहुंची पुलिस ने उन्हें भी हटाकर मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया. महिलाएं गुहार लगाती रहीं कि शव उन्हें सौंप दिया जाय ताकि अंतिम बार उसे घर ले जा सकें लेकिन पुलिस के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.
वीडियो में साफ दिख रहा है कि महिलाएं एम्बुलेंस के बोनट पर अड़ी हुई हैं और उसे आगे नहीं बढ़ने दे रहीं. मृतक की मां रोड पर एम्बुलेंस के आगे दहाड़ मार कर रो रही है. वह छाती पीट-पीटकर बेटी का मुंह दिखाने को कह रही है लेकिन पुलिस ने न तो शव सौंपा, न ही घर ले जाने दिया और न ही उसे देखने दिया.
मृतक युवती के पिता और भाई ने पुलिस से बहस करने के बाद जिलाधिकारी से भी अपील की कि लाश को एक बार घर ले जाने दें. उनलोगों ने अपील की कि आधी रात में दाह संस्कार करने की उनकी परंपरा नहीं है, सुबह में उसे कर दिया जाएगा लेकिन प्रशासन का एक भी अधिकारी इसपर राजी नहीं हुआ.
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गांव में भारी संख्या में पुलिस तैनात थी. ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पुलिसवालों ने स्कॉट कर डेडबॉडी का दाह संस्कार कर दिया. आरोप है कि इस दौरान पीड़ित परिजनों को पुलिस ने घर में बंद कर दिया था. विरोध के बीच पुलिस एम्बुलेंस को सीधे अंतिम संस्कार वाले स्थान पर लेकर गई और रात करीब 2.30 बजे उसका दाह संस्कार कर दिया गया.
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