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This Article is From Dec 07, 2017

गुजरात चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार खत्म, अंतिम दिन कांग्रेस-भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का धुआंधार चुनावी प्रचार अभियान गुरुवार की शाम थम गया.

गुजरात चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार खत्म, अंतिम दिन कांग्रेस-भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत
रैली के दौरान पीएम मोदी (फाइल फोटो)
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गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार थमा.
कांग्रेस-भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत.
9 दिसंबर को होगा पहले चरण का मतदान.
नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का धुआंधार चुनावी प्रचार अभियान गुरुवार की शाम थम गया. 9 दिसंबर को होने वाले पहले चरण की वोटिंग से पहले वोटरों को लुभाने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान सारे हथकंडे अपनाए. कांग्रेस और भाजपा ने जाति, धर्म जैसे भावनात्मक मुद्दों और विकास सहित तमाम विषयों पर एक दूसरे को घेरा. बता दें कि चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बताया जा रहा है जबकि जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने जा रहे राहुल गांधी के लिए यह एक अग्निपरीक्षा है.

दोनों दलों के बीच वाकयुद्ध गुरुवार को देर तक जारी रहा और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने मोदी को 'नीच आदमी' बताकर एक नये विवाद को जन्म दे दिया, जिसके बाद कांग्रेस ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करके बिगड़ी बात संभालने का प्रयास किया. विधानसभा की 182 में से 82 सीटों के लिए पहले चरण में चुनाव होगा. सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात क्षेत्रों में होने वाले चुनाव में 977 उम्मीदवार खड़े हैं जिनमें मुख्यमंत्री विजय रूपाणी शामिल हैं. मतदान शनिवार को होगा. 

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गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) बी बी स्वैन ने कहा कि शनिवार को राज्य के कुल 4.35 करोड़ मतदाताओं में से 2.12 करोड़ लोग मतदान की प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे. चुनाव आयोग पहले घोषणा कर चुका है कि गोवा के बाद गुजरात दूसरा राज्य होगा जहां सभी 50,128 मतदान बूथों पर ईवीएम के साथ वोटर वेरिफियेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा. मोदी और राहुल दोनों ने सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में अपने अपने दल के प्रचार का नेतृत्व किया और प्रचार में अकसर व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप का दौर चला.

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अयोध्या में बाबरी मस्जिद विवाद, राहुल का कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में आगामी पदोन्नयन और गुजरात के मंदिरों की उनकी यात्रा के साथ चुनाव के लिए लगातार मुद्दे बदल रहे हैं. जहां भाजपा सत्ता विरोधी लहर से लड़ रही और नोटबंदी एवं जीएसटी जैसे मुद्दों को लेकर एक तरह से बने नकारात्मक दृष्टिकोण को बदलने में संघर्ष कर रही है, वहीं राहुल गांधी के ज्यादा आक्रामक होने से नयी ऊर्जा से भरी कांग्रेस ने मोदी को घेरने के लिए मुख्य रूप से 'गुजरात के खोखले विकास मॉडल' को निशाना बनाया है. सौराष्ट्र और कच्छ सत्तारूढ़ भाजपा के लिए अहम हैं क्योंकि पहले चरण में इन दोनों क्षेत्रों में सबसे ज्यादा सीटें हैं.

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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इन दोनों क्षेत्रों से अधिकतम सीटें जीतने से पार्टी राज्य में अगली सरकार के गठन के लिहाज से बेहतर स्थिति में होगी. शनिवार को होने वाले चुनाव में खड़े प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री रूपाणी ( राजकोट, पश्चिम) ), कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल (मांडवी) एवं परेश धनानी (अमरेली) शामिल हैं. चुनाव प्रचार कई विवादों से भी प्रभावित हुआ है जिनमें सबसे ताजा विवाद अय्यर की मोदी के लिए की गयी टिप्पणी से जुड़ा है. मोदी ने अपने खिलाफ की गयी टिप्पणी को सूरत में एक रैली के दौरान 'गुजरात का अपमान' करार दिया. विधानसभा के लिए दूसरे चरण का चुनाव 14 दिसंबर को होगा। मतगणना 18 दिसंबर को होगी.

VIDEO: गुजरात का गढ़ : पीएम ने मणिशंकर के बयान को गुजरात का अपमान से जोड़ा (इनपुट भाषा से)
 

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