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This Article is From Nov 24, 2017

सरकार ने देश के सबसे पिछड़े 115 जिलों के विकास की पहल शुरू की

प्रधानमंत्री के 2022 तक नए भारत के निर्माण की योजना के तहत शुरू किया गया क्रियान्वयन

सरकार ने देश के सबसे पिछड़े 115 जिलों के विकास की पहल शुरू की
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: भारत सरकार ने देश के 115 सबसे पिछड़े जिलों की पहचान कर उनके विकास के लिए विशेष पहल शुरू कर दी है. यह पहल प्रधानमंत्री के 2022 तक नए भारत के निर्माण योजना के तहत शुरू की गई है. सरकार ने हर जिले के लिए अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को 'प्रभारी' अधिकारी बनाया गया है और योजनाओं का तेजी से इन जिलों में कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी दी गई है.

शुक्रवार को कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने प्रभारी अधिकारियों की पहली बैठक की. सिन्हा सभी 'प्रभारी' अधिकारियों से कहा कि वे राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ टीम बनाएं और केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय बढ़ाएं. सिन्हा ने कहा कि विकास की योजनाओं के लिए फंड की कमी नहीं है.

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प्रभारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि देश में ह्यूमन डेवेलपमेंट इंडेक्स में सुधार के लिए बेहद जरूरी है कि इन चुने हुए 115 पिछड़े जिलों को विकसित बनाया जाए.

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बैठक में गृह सचिव राजीव गौबा ने कहा कि इन 115 पिछड़े ज़िलों में से 55 नक्सल प्रभावित हैं, जबकि 15 जिले जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व के राज्यों के हैं जो आतंकवाद प्रभावित हैं. गृह सचिव ने कहा कि अगर इन जिलों को विकसित बनाया जाता है तो इससे देश में सुरक्षा की स्थिति मजबूत होगी.

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